GEETA VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय ३ कर्मयोग श्लोक ०४
आज का पंचांग
मंगलवार ३०/०५/२०२३
ज्येष्ठ शुक्ल दशमी , युगाब्ध - ५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी दोपहर 01:07 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅दिनांक - 30 मई 2023
⛅दिन - मंगलवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - ग्रीष्म
⛅मास - ज्येष्ठ
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - हस्त पूर्ण रात्रि तक
⛅योग - सिद्धि रात्रि 08:55 तक तत्पश्चात व्यतिपात
⛅राहु काल - शाम 03:49 से 05:40 तक
⛅सूर्योदय - 05:54
⛅सूर्यास्त - 07:20
⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:16 से 12:58 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - गंगा दशहरा समाप्त, व्यतिपात योग (रात्रि 08:55 से 31 मई रात्रि 08:15 तक)
⛅विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है । एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
एकादशी तिथि में चावल खाना वर्जित है ।
🌹 गंगा दशहरा (समाप्त) - 30 मई 2023 🌹
🌹 गंगा स्नान का फल 🌹
🌹 "जो मनुष्य आँवले के फल और तुलसीदल से मिश्रित जल से स्नान करता है, उसे गंगा स्नान का फल मिलता है ।" (पद्म पुराण , उत्तर खंड)
🌹गंगा स्नान का मंत्र🌹
🌹गंगा स्नान के लिए रोज हरिद्वार तो जा नहीं सकते, घर में ही गंगा स्नान का पुण्य पाने के लिए एक छोटा सा मन्त्र है..
ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा
🌹ये मन्त्र बोलते हुए स्नान करें तो गंगा स्नान का लाभ होता है । गंगा दशहरा के दिन इसका लाभ जरुर लें...
🔹व्यतिपात योग🔹
🔸समय अवधि : 30 मई रात्रि 08:55 से 31 मई रात्रि 08:15 तक
🔸व्यतिपात योग में किया हुआ जप, तप, मौन, दान व ध्यान का फल १ लाख गुना होता है । - वराह पुराण
🌹 निर्जला एकादशी - 31 मई 2023 🌹
🔸एकादशी 30 मई दोपहर 01:07 से 31 मई दोपहर 01:45 तक ।
व्रत उपवास 31 मई बुधवार को रखा जायेगा ।
🔸एकादशी व्रत के लाभ🔸
👉 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
👉 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
👉 जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
👉 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
👉 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।
👉 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।
👉 परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ । भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।
🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️