वैसे फिल्म पर बैन करने का कारण बताया गया है कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए, यानी सच्चाई को दिखाने सेंकनून व्यवस्था बिगड़ेगी? और क्या सच की सुरक्षा करना कानून का काम नहीं है? सच सामने आने से कुछ लोग भड़क जाएंगे इस डर से क्या सच को ही दबा दिया जाय? फिर देश का कानून और कोर्ट कैसे न्याय करेंगे?
तमिलनाडु मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ने रविवार 7 मई को अनाउंस किया कि राज्य में द केरल स्टोरी की स्क्रीनिंग रोक दी गई है इसके दो कारण बताएं पहला लॉयन ऑर्डर के लिए खतरा और दूसरा फिल्म का ठंडा रिस्पॉन्स।
तमिलनाडु में "नाम तमिलर काची" नाम के संगठन ने फिल्म के रिलीज का विरोध किया और फिल्म के डायरेक्टर प्रोड्यूसर और एक्टर के खिलाफ भी तमिलर पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।
इसके अलावा एमएमकेके अध्यक्ष और विधायक जवाहिरउल्लाह में तमिलनाडु के स्टालिन सरकार से फिल्म पर प्रतिबंध का आग्रह किया उन्होंने इसे दहशत फैलाने के उद्देश्य से बनाई गई फिल्म बताएं।
जवाहिरउल्लाह ने कहा कि फिल्म निराधार दावे करती है और इसे एक विशेष धर्म और एक राजनीतिक विचारधारा का अपमान करने के मकसद से बनाया गया।
खैर सच को पचाने की हिम्मत सब में नहीं होती और लोग तो चाहते भी नहीं है कि ऐसा गंदा और भयानक सच दुनिया के सामने आए क्योंकि इसके सामने आने से जिहादियों का एजेंडा जो गड़बड़ा जाएगा। जब लोगों को जिहाद के स्नैक्स इसकी सच्चाई का पता चल जाएगा तो सावधान हो जाएंगे और इनके इस घटिया काम में रुकावट आएंगी।
वैसे इस फिल्म का जब ट्रेलर रिलीज हुआ था उसके बाद से ही इस पर प्रतिबंध की मांग की जा रही थी और कुछ लोगों ने केरल हाईकोर्ट में अपील भी की थी इस फिल्म को रोकने की लेकिन केरल हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि फिल्म में इस्लाम के खिलाफ कुछ नहीं है इस फिल्म में आईएसआईएस के ऊपर आरोप लगाए गए हैं।
मध्यप्रदेश में इस फिल्म को टैक्स फ्री करने की घोषणा की गई है और प्रधानमंत्री मोदी ने भी कर्नाटक की एक रैली में इस फिल्म का जिक्र किया है। इस फिल्म ने शुरुआती 2 दिनों में लगभग 20 करोड़ का कलेक्शन किया जो किसका शानदार परफॉर्मेंस है