झारखंड के जामताड़ा से कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि, झारखंड में इस फिल्म को नहीं लगने देंगे. अगर फिल्म सिनेमाघरों में लगी तो तोड़फोड़ कर देंगे.
कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने ट्वीट कर कहा कि, 'केरला फाइल्स जो हत्यारा है जो समाज से नकारे हुए लोग हैं वही केरला फाइल मूवी देखने जाए. मोहब्बत करने वाले कभी यह मूवी नहीं देखगे. अगर @yourBabulalजी हिंसा वाली सिनेमा देख कर सरकार बना लेंगे तो उन्हें बहुत मुबारक, लेकिन @HemantSorenJMM के निर्देश पर हम मेहनत कर रहे है और दिल भी जीतेंगे.'
जब खुद नेता जो सविधान की शपथ लेकर अपना कार्य भार संभालते हैं वहीं कानून को कुचलते हुए खुलेआम धमकी देंगे कि सिनेमा घरों को तोड़ फोड़ देंगे तो आम आदमी यदि ऐसा कहता है तो उसने गलती ही क्या है?
क्या जो इरफान अंसारी ने कहा वो hate speech में नहीं आता? क्या अंसारी की बातों से अपराधियों को सिनेमाघर में तोड़फोड़ करने का साहस नहीं मिलता? क्या कानून ऐसे नेताओं को सजा नहीं दे सकता? क्या कानून केवल आम जनमानस को सजा देने के लिए बना है?