सब ट्रेनिंग होती है,एक ओर वो हैं जो बोरे में बंद होकर भी उसको आजादी मानती हैं और एक ओर आप हैं जो अपनी बिन्दी,चूड़ी को भी गुलामी मान बैठती हैं।
यह भी ट्रेनिंग और माइंड वाशिंग ही है कि सात जन्मों तक साथ निभाने का वादा करनेवाली व्यवस्था आपको पाखंड और पोंगापंथ लगती है और केवल सेक्स के लिए किया गया अनुबंध जीवन का सबसे भरोसेमंद वादा।
सब ट्रेनिंग और माइंड वाशिंग ही है कि कोई गटर में रहकर गर्व अनुभव कर रहा है और कोई गंगा नहाकर भी आत्म ग्लानि से भरा है।
सब ट्रेनिंग हैं और जेहाद ही है जो धर्म को पाखंड बताकर आतंक को ईश्वरीय आदेश बताती है था दुनिया के विनाश का रास्ता प्रशस्त करती है।
लेकिन ये सारी ट्रेनिंग इस लिए सफल होती है क्योंकि धर्म के प्रचार प्रसार का अभाव है, घरों में बच्चों को धर्म का ज्ञान नहीं दिया जाता , अपनी परंपराओं का विज्ञान और इतिहास नहीं बताया जाता, अधर्म से जेहाद से , मिशनरियों और वामपंथियों के षड्यंत्रों से परिचित नहीं करवाया जाता....