“कपिल सिब्बल का ज्ञान”। कोई मोदी को अनपढ़ कहता है और अब कपिल सिब्बल कह रहे हैं कि किरेन रिजिजू भी “अनपढ़” हैं। सिब्बल मियां, देश को ऐसे ही “अनपढ़” नेता चाहिए।
कांग्रेस से दुत्कारा हुआ नेता कपिल सिब्बल जो आज़म खान को बचाते हुए सपा के चरणों में लेट गया और जो भगवान राम के मंदिर की सुनवाई लटकाना चाहता था, जो हर किसी अपराधी का वकील है और फिर भी सुप्रीम कोर्ट में 50 साल प्रैक्टिस करने के बाद कहता है कि अब उसे इस अदालत से कोई उम्मीद नहीं है आज कानून मंत्री किरेन रिजिजू को सर्टिफिकेट देते हुए बोला है कि...
“कानून मंत्री रिजिजू को कानून का ज्यादा ज्ञान नहीं है और अगर उन्हें ज्ञान होता तो वो कॉलेजियम सिस्टम सहित जजों की मंशा पर सवाल उठाने वाले बयान नहीं देते। किरेन रिजिजू खुद नहीं बोल रहे, उनसे ऐसा बुलवाया जा रहा है और इसके पीछे कौन है सब जानते हैं।”
एक प्रथा सी चल पड़ी है कि किसी को भी कम पढ़ा लिखा कह दो, अनपढ़ कह दो या अज्ञानी कह दो और ऐसा कहने वाले अपने गिरेबान में झांकना नहीं चाहते कि वे स्वयं क्या है उनका इतिहास क्या है किस तरह की गंदगी फैलाई हुई है उन्होंने समाज और राजनीति में।
सिब्बल ने आगे कहा है कि भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट को देखना चाहिए कि देश संविधान से चलता है। सिब्बल ने यह भी कहा कि वे कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े हैं पर उसके भविष्य के बारे में कुछ नहीं करेंगे लेकिन इतना जरूर कहेंगे कि मौजूदा भाजपा सरकार का भविष्य ठीक नहीं है।
सिब्बल ने मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का मोर्चा बनाने की कोशिश करने की बात कहते हुए विपक्ष का वही घिसा पिटा बयान दोहराया कि संवैधानिक संस्थाओं में गिरावट आ चुकी है और ऐसा ही चलता रहा तो भारत में लोकतंत्र का बचा रहना मुश्किल है लेकिन वह इंदिरा की इमरजेंसी में अदालतों की दुर्दशा भूल गए।
सिब्बल मियां तुम बकबक करते रहो कि आज सच्चाई यही है कि देश को मोदी जैसा कथित “अनपढ़” और किरेन रिजिजू जैसा “कानून का ज्ञान न रखने वाला” ही नेता चाहिए।
सिब्बल जी, किरेन रिजिजू तुम जैसे वकीलों की तरह नहीं है जिसे सुप्रीम कोर्ट के जजों के सामने मुकदमें लड़ने और जीतने के लिए तिकड़म लगाने की जरूरत पड़ती हो, यही कारण है कि वह निर्भीक हो कर बोलता है और जिसके बोलने से कॉलेजियम की वकालत करने वालों और जजों की पूँछ पर पैर रखा हुआ है।
कौन सी संवैधानिक संस्था ऐसी थी जो कांग्रेस के इशारों पर नंगा नाच न करती रही हो, याद है न सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में CBI को सरकार का तोता कहा था।
जिस मोदी को हटाने के लिए पापड़ बेल रहा है सिब्बल, उसने कांग्रेस राज में देश की कमजोर अर्थव्यवस्था को आज दुनिया की 5th सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया है और जिस GST का तुमने विरोध किया उससे आज 6 साल बाद एक महीने में सबसे ज्यादा 1.87 लाख करोड़ टैक्स वसूल हुआ है, जो साबित करता है देश की अर्थव्यवस्था कहां चल रही है। कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां मोदी ने अपना प्रदर्शन न दिखाया हो अलबत्ता कांग्रेस का प्रदर्शन मोदी को “गाली” देने का सर्वोत्तम है।
सिब्बल और उसके गिरोह से न्यायपालिका में किसी सुधार के लिए पहल की आशा करना बेमानी है। किरेन रिजिजू के लिए “असभ्य शब्द” बोल कर सिब्बल ने अपने मानसिक दिवालियेपन का सबूत दिया है।
जो लोग कॉलेजियम को बचाने में लगे हैं, उन्हें आइना तो दिखाई दे रहा है परन्तु समझने के लिए तैयार नहीं है कि इस अड़ियलपन का परिणाम क्या हो सकता है। सिब्बल जिन संस्थाओं की गिरावट की बात करते हैं उनमे सुप्रीम कोर्ट अग्रणी है जो ऐसे कॉलेजियम के सहारे चल रहा है जिसका संविधान में कोई स्थान नहीं है। और यदि यही बात किरेन रिजिजू ने कह दी तो आसमान क्यों गिर पड़ा सिब्बल के सर पर।