कुछ टीवी चैनलों पर नैनी जेल के पूर्व सुपरिटेंडेंट कैप्टन एसके पांडे को सुना, कैप्टन एसके पांडे पहले भारतीय सेना में कैप्टन थे बाद में पैर में गोली लगने की वजह से वह उत्तर प्रदेश जेल विभाग में ज्वाइन हुए , उन्होंने जो खुलासा किया वह सच में हैरान कर देने वाला है और ऐसा लग रहा है जैसे हम 80 के दशक की कोई हिंदी फिल्म देख रहे हैं. ... वीडियो देखने के लिए इमेज पर क्लिक करें
वह बता रहे थे कि 1 दिन ऑफिस में बैठे थे तभी इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार का फोन आया रजिस्ट्रार ने कहा कि जरा अतीक अहमद से बात करवाइए तब उन्होंने कहा मैं चौक गया कि एक हाई कोर्ट का रजिस्टर इस अपराधी से क्यों बात करना चाहता है
फिर मैंने कहा कि जेल मैनुअल के हिसाब से मैं आपकी बात अतीक अहमद से नहीं करवा सकता तब रजिस्ट्रार ने मुझे धमकाया और कहा कि तुम्हारी नौकरी चली जाएगी तब कैप्टन एसके पांडे ने कहा कि सर मैं भारतीय सेना में 8 साल कैप्टन रह चुका हूं मेरी नौकरी चली जाए कोई बात नहीं लेकिन मैं आपकी बात अतीक अहमद से नहीं करवा सकता
तब इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार महोदय छोड़े ढीले हुए और उन्होंने कहा कि अच्छा ठीक है मेरा एक मैसेज अतीक तक पहुंचा देना अभी जज साहब मैनेज नहीं हो पाए हैं अभी वह अपने केस की फाइलिंग ना करें दो-चार दिन में जब जज साहब मैनेज हो जाएंगे तब मैं संदेश भेज दूंगा
कैप्टन एसके पांडे ने कहा कि यह संदेश सुनते ही मेरे कदमों तले जमीन खिसक गई कि क्या सच में ऐसा हो सकता है मुझे अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ
फिर उन्होंने कहा कि उनकी सख्ती देखकर अतीक अहमद ने उनका ट्रांसफर लखनऊ करवा दिया और एस के पांडे कहे कि संयोग देखिए कि लखनऊ में भी एक दुर्दांत अपराधी मुख्तार अंसारी कैद था
एसके पांडे ने कहा कि आईजी साहब डीआईजी साहब से लेकर उत्तर प्रदेश जेल निदेशक तक जेल में आते थे और मुख्तार अंसारी के साथ दरबार लगाते थे बैडमिंटन खेलते थे और नॉनवेज की पार्टी होती थी और मैंने जब इस पर आपत्ति लगाई मेरा फिर से ट्रांसफर कर दिया गया
और अंत में मैं कुछ साल नौकरी करके वीआरएस ले लिया और उन्होंने एक और आश्चर्य बात बताई की नैनी जेल में ड्यूटी के दौरान उन्होंने जब अतीक पर सख्ती किया तब अतिक के गुर्गों ने दो बार उनके ऊपर गोली चलाई एक बोली आज भी उनके शरीर में फंसी हुई है उन्होंने f.i.r. लिखाने की बहुत कोशिश किया लेकिन अतीक का ऐसा जलवा था और समाजवादी पार्टी की सरकार थी एक सरकारी कर्मचारी जो क्लास वन है जो भारतीय सेना से कैप्टन से रिटायर हुआ जिसके ऊपर जानलेवा हमला हुआ उसकी f.i.r. तक नहीं लिखी गई