चर्च के पास इतनी जमीन है फिर भी हिंदू मंदिर में इन्हें प्रेयर करनी है और प्रेयर ही नहीं करनी हिंदुओं को चिढ़ाने के लिए कहें या हिंदू मंदिरों को अपवित्र करने के लिए वहां पर मांसाहार भी करना है, क्योंकि इनके मन में कहीं से कहीं तक सर्वधर्म समभाव है ही नहीं यह भाव केवल हिंदुओं के ही मन में होते हैं और बाकी सब हिंदुओं को खत्म करना चाहते हैं , उनकी आस्था को लगातार आहत करते हैं। और हिंदू सेक्युलरिज्म के चक्कर में पड़े हैं, भाईचारा निभा रहे हैं।
तेलंगाना के वारंगल स्थित एक ऐतिहासिक हिंदू मंदिर का वीडियो वायरल हुआ था। इसमें कुछ लोग मंदिर में ईसाई प्रार्थना (Christian prayer) करते दिखे थे। अब इस मामले में पादरी गंधम अरुण कुमार और उसके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मंदिर परिसर में माँसाहारी खाना परोसने का भी आरोप है।
जिस मंदिर का वीडियो वायरल हुआ था, वह वारंगल किले में है। काकतीय राजवंश ने इसका निर्माण करवाया था। यह मंदिर पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है। तेलंगाना बंदोबस्ती विभाग (Telangana Endowments Department) इसकी देखरेख करता है। वीडियो वायरल होने के बाद विश्व हिंदू परिषद और बजरंगदल के कार्यकर्ताओं ने पादरी और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई की माँग करते हुए प्रदर्शन किया था। इसे हिंदू देवी-देवताओं का अपमान बताया था।
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हिंदू संगठन के लोगों ने डीसीपी श्रीकांत राव और एसीबी रामाला सुनीता से मामले की शिकायत की थी। मीडिया से बात करते हुए संगठन के लोगों ने पूछा कि आखिर दूसरे पंथ के लोगों ने ऐतिहासिक मंदिर परिसर में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन कैसे किया? संगठन के नेताओं ने जानकारी दी कि मंदिर में भगवान राम के पद चिन्ह (पाद मुद्रा) और शंकु चक्र देखे जा सकते हैं। यहाँ धूम-धाम से शिवरात्रि मनाया जाता है। ऐसे में ईसाई सभा, प्रार्थना और माँसाहारी खाना परोसा जाना धार्मिक अशांति फैलाने वाला कदम है। हिंदू संगठनों की तरफ से चेतावनी दी गई थी कि यदि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो वे सड़कों पर उतरकर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।