कितने भी राज छुपा लो पर्दे में। सब कुछ बाहर आएगा। वो योगी है। अतीक और अशरफ की हत्या का कोई Master Mind नहीं बचेगा। षडयंत्रों से सावधान रहें। मोदी योगी के साथ खड़े रहो।
अतीक अहमद और अशरफ की हत्या कराने वाले जो Master Mind थे, उन्होंने सोचा होगा कि तीनों हत्यारे पुलिस के हाथों मारे जाएंगे जिससे वो बेनकाब होने से बच जाएंगे परंतु उनका षड़यंत्र तब विफल हो गया जब पुलिस ने उन्हें केवल गिरफ्तार किया। अतीक को फर्जी पत्रकार ने जब पूछा कि असद के जनाजे में न पहुंचने का दुःख है क्या, तब अशरफ ने कहा, "ऐसा है गुड्डू मुस्लिम", आगे कुछ बोल ही नहीं पाया और दोनों पर गोलियां चल गईं।
जाहिर सी बात है कि अगर पुलिस कस्टडी में व्यक्ति की हत्या हो जाए तो निश्चित तौर पर सरकार पर धबा तो लगेगा
कुछ भी लिखने से पहले एक बात कहनी है कि अब किसी भी सरकार को ध्यान देना जरूरी है कि संवेदनशील लोगों से मीडिया के लोगों को पूरी तरह दूर रखा जाए।
अतीक और अशरफ 5 दिन की पुलिस कस्टडी में थे और अभी 2 ही दिन में पाकिस्तान और ISI से हथियार मंगवाने के बारे में पूछताछ हुई थी जो आगे भी होनी थी। जाहिर है जिन लोगों का नाम आने की उम्मीद थी या जिनके नाम उन्होंने लिए थे, उन्होंने ही हत्या कराई है। लेकिन केवल अतीक और अशरफ के पास ही यह जानकारी नहीं होगी क्योंकि गिरोह में तो अन्य लोग भी शामिल रहे होंगे जिनका मुंह खुलवाना कोई कठिन काम नहीं होगा।
तीन हत्यारों में 2 समाजवादी पार्टी के थे ऐसा कुछ चैनल्स पर दावा किया गया है।
उमेश पाल की हत्या 24 फरवरी को हुई थी और उत्तर प्रदेश पुलिस को बहुत ज्यादा देर नहीं लगी थी उसकी हत्या में शामिल लोगों की पहचान करने में। उनमें से 4 आरोपियों अतीक का बेटा असद, उसका साथी अरबाज़, उस्मान और गुलाम को पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे। अब कल अतीक और अशरफ भी मारे गए बेशक उन्हीं के अपने लोगों के हाथों
इसलिए जो भी Master Mind हैं, उन्हें अपनी उलटी गिनती शुरू कर देनी चाहिए और क्योंकि यह हत्याएं योगी पर दाग लगाने के लिए की गई हैं, योगी किसी को भी बख्शने वाले नहीं हैं फिर चाहे ऐसे लोगों में किसी भी बड़े से बड़े नेता का नाम क्यों न आ जाए।
टर्की की बनी झिन्गाना पिस्टल और अन्य विदेशी हथियार इस्तेमाल हुए हत्या में जिनके बारे में पता करना पुलिस के लिए कठिन नहीं होगा कि हत्यारों को ये कहां से मिले और किसने दिए। हर राज का पर्दाफाश होगा और हर अपराधी का हिसाब होगा।
हमें बस हर हाल में मोदी योगी और भाजपा के साथ खड़े रहना है क्योंकि 2024 चुनाव तक अभी बहुत कुछ षड़यंत्र देखने को मिलेंगे। हर कोशिश की जाएगी मोदी और उनकी सरकार को बदनाम करने की। इतना ही नहीं फर्जी हिन्दू भी खड़े किए जाएंगे फेसबुक ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर। उनके किसी नारे के बहकाए में आने की जरूरत नहीं है क्योंकि वो लोग 9 साल से किए गए नरेंद्र मोदी के कामों पर पानी फेरने की कोशिश करेंगे जैसे कोई काम हुआ ही नहीं। आज नरेंद्र मोदी में "सबके विश्वास" रखने का समय है। याद रहे राजस्थान में वसुंधरा के लिए ऐसे ही एक नारे ने भाजपा को हरवा दिया था।
अबकी बार मोदी 400 पार
साभार: सुभाष चंद्र