गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 02 (सांख्ययोग) श्लोक 29
आज का पंचांग
गुरुवार, १३/०४/२०२३,
वैसाख कृष्ण, ०७, युगाब्ध - ५१२५
⛅दिन - गुरुवार
⛅विक्रम संवत् - 2080
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - वसंत
⛅मास - वैशाख
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅तिथि - सप्तमी प्रातः 03:44 तक तत्पश्चात अष्टमी रात्रि 01:34 तक
⛅नक्षत्र - पूर्वाषाढा सुबह 10:43 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा
⛅योग - शिव दोपहर 12:34 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅राहु काल - दोपहर 02:15 से 03:50 तक
⛅सूर्योदय - 06:21
⛅सूर्यास्त - 06:59
⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:50 से 05:36 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:17 से 01:03 तक
⛅व्रत पर्व विवरण -
⛅विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹खून बढ़ाने के लिए🔹
👉 खून बढ़ाने के लिए, गन्ने का रस पियें ।
👉 बेल का फल सुखाकर उसके गूदे के चूर्ण में मिश्री मिलाकर लेने से भी खून की बढ़ोत्तरी होती है ।
🔹पित्तजन्य / गर्मी के कारण बीमारियाँ🔹
🔸धनिया, आंवला, मिश्री समभाग पीस के रख दें........एक चम्मच रात को भिगो दें और सुबह मसल के पियें तो सिर दर्द में आराम हो जायेगा, नींद अच्छी आएगी, मूत्र दाह, नकसीर में आराम होगा, लू से रक्षा होगी और पेट भी साफ रहेगा ।
🔹यशप्राप्ति का अदभुत मंत्र🔹
🔸कोई भी कार्य की शुरवात करने से पहले – ‘नारायण... नारायण..., नारायण..., नारायण...’ इसी मंत्र का सभी नर - नारी में छूपी सर्वव्यापक परमात्मा के नामस्मरण या उच्चारण करनेवालों को यश अवश्य मिलता है ।
🔹गुरुवार विशेष 🔹
🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।
🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :
🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।
ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।
🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।
( लोक कल्याण सेतु , अंक - ११६ )
🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।
🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।