जो लोग कहते है मोदी बोलते नहीं है, मोदी ने कब कब और क्या क्या बोला है जरा याद दिलाता हूं आपको...
दिल्ली चुनाव से ठीक पहले मोदी ने बोला, इस मानसिकता को यहीं रोकना जरूरी है। साज़िश रचने वालों की ताकत बढ़ी तो फिर कल किसी और सड़क किसी और गली को रोका जाएगा। हम दिल्ली को इस अराजकता में नहीं छोड़ सकते। इसको रोकने का काम सिर्फ दिल्ली के लोग कर सकते है। भाजपा को दिया हर वोट ये करने की ताकत रखता है।
मोदी ने बोला, संविधान और तिरंगा हाथ में लेकर ये लोग आगजनी कर रहे, तोड़फोड़ कर रहे... इनको इनके कपड़ों से पहचाना जा सकता है... संविधान को बचाने की बात करने वाले लोग सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानते...
मोदी ने कुछ दिन पहले बोला, कुछ लोगों का विश्वास हम कभी नहीं प्राप्त कर पाएंगे तो बेहतर यही है कि ऐसे लोगों को छोड़कर आगे बढ़ा जाए...
मोदी ने कहा था, मै इन लोगो की सारी साजिशों को नाकामयाब कर रहा हूं ताकि देश कामयाब हो सके...
मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून पर बोला, शरणार्थियों और घुसपैठियों में फर्क होता है, देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था...
मोदी ने 2017 चुनाव के समय बोला, मै आपके लिए लड़ाई लड़ रहा हूं, सवा सौ करोड़ देशवासी ही मेरा परिवार है...
मोदी ने नोट बंदी के समय बोला, आप नहीं जानते मैंने कैसी कैसी ताकतों से लड़ाई मोल ली है... ये लोग मुझे जिंदा नहीं छोड़ेंगे... मेरा साथ दीजिए...
कुछ मूर्ख कहते है कि मोदी को नोबल चाहिए... मोदी ने कई बार कहा,
न त्वहं कामये राज्यं न मोक्षम् नापुनर्भवम् ।
कामये दुःखतप्तानां प्राणिनामार्तिनाशनम् ॥
जिस व्यक्ति ने राष्ट्र सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया, जो कहता है, हम फकीर है मेरा क्या बिगाड़ लोगे? हम झोला लेकर चले जाएंगे... ऐसे त्यागी व्यक्ति को कुछ मूर्ख नोबल पिपासु कहते है...
मोदी ने कहा, जो मुझे गाली देते है, पत्थर फेकते है मै उन्हीं से सीढियां बना लेता हूं और आगे बढ़ता जाता हूं... मुझे मोदी की छवि चमकाने में इंटरेस्ट नहीं है, हिंदुस्तान की छवि चमकाने के लिए जिंदगी खपाने में इंटरेस्ट है... इतिहास में अमर होने के लिए न मै पैदा हुआ न मेरा कोई मकसद है... मकसद है तो सिर्फ एक मेरा देश अजर अमर रहे...
मोदी ने संकल्प लेकर कहा था, सौगंध मुझे इस मिट्टी की मै देश नहीं मिटने दूंगा मै देश नहीं झुकने दूंगा मै देश नहीं रुकने दूंगा... मेरा वचन है भारत मां को तेरा शीश नहीं झुकने दूंगा... वो चाहते है न जागे कोई ये रात ये अंधकार चले हर कोई भटकता रहे यूंही और देश यूंही लाचार चले... इस छल फरेब की आंधी में मै दीप नहीं बुझने दूंगा...
कल मैंने कहा था कि कभी कभी सैनिकों का उत्साह नेतृत्व को भी उत्साहित करता है... अब इसका एक प्रमाण देता हूं...
देश के गद्दारों को.... : अनुराग ठाकुर ने दिल्ली में चुनावी रैली में मंच से कहा... क्यों कहा? क्योंकि सैनिक यानी कार्यकर्ता और समर्थकों में उत्साह था... आपके उत्साह से नेता भी उत्साहित हुआ...
आपने मोदी की बातों को कितने ध्यान से सुना और उसमे से क्या आत्मसात किया यह मायने रखता है... घड़ी घड़ी पेंडुलम की तरह डोलना क्या राष्ट्रवादी या मोदी भक्तो को शोभा देता है? 🙄
#TrustNaMo #ModiMatters