कुंभलगढ़ का किला वह किला है जिसमें वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप ने जन्म लिया था यानी वह किला महाराणा प्रताप की जन्मस्थली है और वह किला अपने आप में एक अजय दुर्ग माना जाता है क्योंकि मुगलों ने खूब प्रयत्न किए परंतु कभी उसके किले में घुस तक नहीं सके, और आज उस किले में मुसलमानों ने अपने अवैध रूप से घर बना रखे हैं और उस किले में अजान की आवाज में आती है जहां कभी एकलिंग जी की पूजा की आवाज आया करती थी।
कुतुब मीनार जो को वास्तव में विष्णु स्तंभ है उसपर किसी सुनवाई में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) (Archaeological Survey of India) ने कहा था की कुतुब मीनार केंद्र संरक्षित स्मारक है जिसमें उपासना के मौलिक अधिकार का दावा करने वाले किसी भी व्यक्ति की दलील से सहमत होना कानून के विपरीत होगा.एएसआई ने हलफनामा दायर कर कहा था कि इस परिसर में पूजा नहीं की जा सकती है.
अब प्रश्न ये उठता है की जब कुंभलगढ़ का किला भी unesco द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया जा चुका है तो इस किले में मुस्लिम कैसे रह रहे हैं और अजान कैसे कर पा रहे हैं? क्या कांग्रेस का अपना कोई कानून और संविधान है जिसके अनुशार ये सब हो रहा है? और क्या राजस्थान पुलिस को ये सब जानकारी नहीं?
और सबसे बड़ी बात "क्या उदयपुर के हिंदुओं को इस बात से कोई फरक नहीं पड़ता की महाराणा प्रताप के किले में अजान हो रही है, वहां मुश्लिम रह रहे हैं और हरे झंडे लगे हुए हैं!
वैसे ये बात बहुत से लोगों को तो पता ही तब चली जब बागेश्वरधाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी ने उदयपुर में हुंकार भरी। और सच बोलने पर इनपर FIR भी हुई। अब कोई यदि राजस्थान के लोगों को कह दे की "घोषणा कर दो की जो नेता या पार्टी कुंभलगढ़ के किले को खाली करवाएंगे, वहां से हरे हटाकर भगवा ध्वज फहराएंगे और अजान बंद करवाएंगे उसे ही वोट देंगे अन्यथा किसीको वोट नहीं देंगे" तो हो सकता है इसे भी भड़काऊ बयान कह दिया जाय
और कोई ये कह दे की शर्म आनी चाहिए हिंदुओं को की वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जन्मस्थली पर अजान हो रही है तो सायद इस बात को भी भड़काऊ कह दें.।।
इसलिए हम कुछ नहीं कहेंगे और बस यूनेस्को से तथा ASI से पूछना चाहेंगे की क्या जो हो रहा है वो सही है? और नहीं तो क्या नींद में हो?
राजस्थान री माटी म के अब शेर न पैदा होते? बस पूंछ रयो हूं... जवाब तो अपने आप मिल जावेगो