कुम्भलगढ़ से पकड़े युवाओं का रिहा होने बाद का वीडियो:बोले- पुलिस ने रिवॉल्वर दिखा बनाया दबाव, पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के बयान बाद पहुंचे थे कुम्भलगढ़
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के कुम्भलगढ़ से हरे झंडे हटाने वाले बयान के बाद कुम्भलगढ़ फोर्ट से पकड़े गए 5 युवाओं ने रिहा होने के बाद पुलिस पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। युवाओं ने एक वीडियो जारी किया है जो वायरल हो रहा है। वीडियो में वे बोल रहे है कि एडीएम के सामने पेश करने से पहले पुलिस द्वारा रिवॉल्वर दिखाकर उन्हें पुलिस के कहे अनुसार बयान देने का दबाव बनाया गया।
रिहा हुए युवकों का कहना है कि वे कुम्भलगढ़ किले के अंदर नहीं गए, बाहर से ही वापस लौटने वाले थे, तभी पुलिस ने उन्हें गेट पर पकड़़ लिया। फिर थाने में ले जाकर बुरी तरह पिटाई की। केलवाड़ा थाने में एक हैड कांस्टेबल द्वारा नशे की हालत में लात-घूंसों से पीटने का भी आरोप लगाया। इधर, केलवाड़ा थाने के सब इंस्पेक्टर अर्जुनलाल और प्रोबेशनर सब इंस्पेक्टर निलेश कुमार ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
इन युवाओं ने जारी किए अलग-अलग वीडियो
सूरजपोल निवासी देवेन्द्र सालवी, अंबामाता निवासी गौरव, प्रिंस राणावत, जोगीवाड़ा निवासी अभिषेक नाथ, खेरादीवाड़ा सूरजपोल निवासी राजेन्द्र सिंह चौहान ने अलग-अलग वीडियो जारी किए हैं। इनमें से देवेन्द्र सालवी का कहना है कि वे 23 मार्च को पंडित धीरेन्द्र शास़्त्री की धर्मसभा में शामिल होकर शाम को टाउन हॉल पहुंचे। वहां सभी ने शराब पी। इसके बाद कुंभलगढ़ फोर्ट में हरे झंडे लग रहे हैं या नहीं, ये देखने के लिए निकले। इसके बाद कुंभलगढ़ फोर्ट पर पहुंचने से पहले ही पुलिस ने पकड़ लिया।
ये एक अत्यंत ही चिंताजनक विषय है, पुलिस पर ऐसे आरोप लगना कानून व्यवस्था पर एक सवालिया निशान है। कोई भी साधारण व्यक्ति पुलिस पर ऐसे झूंठे आरोप नहीं लगाएगा, इसलिए इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए और हिंदुओं को सावधान होना होगा की यदि ये आरोप सही है तो आगे भी धर्मद्रोहियों द्वारा सरकारी तंत्रों का प्रयोग कर सनातन धर्म, और सनातन प्रेमियों को , संतों को , बदनाम करने की कोशिश जारी रहेगी।