जापान मे ट्रेन की सीट फटी हुई थी,एक जापानी नागरिक ने अपनी बैग में से सूई धागा निकाला और सीट की सिलाई करने लगा!
एक भारतीय नागरिक भी उसी ट्रेन में था,उसने पूछा,क्या आप रेलवे के कर्मचारी हैं?
उसने कहा, नहीं मैं एक शिक्षक हूं,मैं इस ट्रेन से हर रोज अप डाउन करता हूँ,जाते वक्त इस सीट की खस्ता हालत देखकर वापस आते वक्त बाजार से सुई धागा खरीद लाया हूँ।
मुझे महसूस होता था कि अगर कोई विदेशी नागरिक इसे देखेगा तो मेरे देश की कितनी बेईज्जती होगी ऐसा सोच के सीट की सिलाई कर रहा हूँ!
जो नागरिक देश की इज्जत अपनी इज्जत समझता हो,जिस देश के नागरिको की सोच महान हो,वोदेश विकसित और महान बन जाता है,जापान आज इतना विकसित हो गया है कि हम उससे बुलेट ट्रेन खरीद रहे हैं!
"मेरा भारत महान" लिख देने से कोई देश महान नहीं बन जाता, देश के नागरिकों की सोच महान होनी चाहिए!
एक सोच देशहित में....