अरबाज ने फेसबुक के माध्यम से हिंदू लड़की को अपने जाल में फंसाया पैसों के लिए बेचा और लड़की ने विरोध किया तो अपने साथियों के संग उसे मौत के घाट उतार दिया।
ये है हिंदू लड़कियों की बुद्धिमता? यह है महिला सशक्तिकरण? इसे कहेंगे नारी शक्ति? जिसे कोई जिहादी बहुत ही आसानी से सोशल मीडिया के माध्यम से फंसा लेता है और यह संस्कार विहीन मंदबुद्धि हिंदू लड़कियां आसानी से उनका शिकार बन जाती हैं। यही संस्कार और शिक्षा दे रहे हैं हिंदू माता पिता अपनी बच्चियों को?
खैर जैसी करनी वैसी भरनी... अब बेटी को मौत मिली और माता पिता तथा परिजन मातम मनाएं..
क्या है मामला👇👇
प्रेमजाल में फंसाकर बरहेट थाना क्षेत्र के संजौली गांव की 26 वर्षीय सुशीला हांसदा की हत्या देवघर के पालोजोरी थाना क्षेत्र के माथाडंगाल निवासी अरबाज आलम ने पत्नी और अन्य साथियों के साथ मिलकर कर दी. साक्ष्य छिपाने के लिए शव को शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के भुगतानडीह जंगल में ले जाकर पेट्रोल छिड़क कर जला दिया.
इस मामले में अरबाज आलम, उसकी पत्नी मिसलता टूडू उर्फ रेहिना बीवी, प्रियंका मुर्मू और साहिल अंसारी उर्फ थाला को गिरफ्तार कर लिया है. अरबाज आलम एवं उसकी पत्नी की गिरफ्तारी केरल से हुई.
जानकारी के अनुसार, सुशीला हांसदा के भाई जोनस हांसदा ने बरहेट थाने में अपनी बहन की गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था. इसके बाद पुलिस ने उसकी खोजबीन शुरू की, उसमें मानव तस्करी की धारा जोड़ी गई और अरबाज आलम को आरोपी बनाया गया.
इसके बाद पुलिस मामले का जांच कर रही थी, इसी बीच यह खुलासा हुआ, गिरफ्तार प्रियंका मुर्मू एवं साहिल अंसारी उर्फ थाला ने पुलिस को बताया कि सोशल मीडिया फेसबुक के जरिए बातचीत के दौरान अरबाज ने शादी का झांसा देकर सुशीला को अपने किराए के घर शिकारीपाड़ा बुलायार अरबाज और उसकी बीवी मिसलता के अलावा वे दोनों भी वहीं थे.
सुशीला 11 और 12 जनवरी को वहां थी. देर रात अरबाज किसी व्यक्ति से फोन पर बात कर रहा था. सुशीला को 50 हजार रुपए में बेचने की बात कही जा रही थी जबकि खरीदने वाला 30 हजार रुपया ही देने को तैयार था. यह बात सुशीला ने सुन ली थी, जिसके बाद उसने उक्त लोगों का विरोध किया.
मामला बिगड़ते देख आरोपियों ने सुशीला के सिर पर वार कर हत्या कर दी. शव को बाइक से शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के भुगतानडीह जंगल में ले गए और पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी।
अब ऐसी लड़कियों के लिए अफसोस करें जो सोशल मीडिया से भी किसिके जाल में आसानी से फंस जाती हैं। खैर इनके माता पिता की छूट, उनकी आधुनिकता का ही ये परिणाम होता है। बेवकूफ माता पिता बॉलीवुड आदि के चक्कर में आकर आधुनिकता के शिकार होते हैं और बच्चों को आज़ादी देने के चक्कर में बर्बादी दे बैठते हैं
बच्चों को आजादी दो लेकिन कैसी आजादी, कितनी आजादी इसका निर्णय बुद्धि और विवेक से करो, बॉलीवुड या बिकाऊ भांडों के अनुशार मत चलो।