बरहेट प्रखंड के सिंदरी ग्राम में गिरि वनवासी कल्याण परिषद के जिलाध्यक्ष शीतल बाबा के नेतृत्व में रविवार को 60 परिवार के 111 आदिवासियों ने ईसाई धर्म छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया। इनमें 45 पुरुष व 66 महिला शामिल हैं।
सर्वप्रथम गांव के बाहर मैदान में आयोजित झील पूजा में सभी लोग शामिल हुए। वहां इनलोगों ने नंगे पैर आग (अंगारों) पर चलकर खुद को पवित्र किया। इसके बाद शीतल बाबा के धाम (घर) पर आयोजित कार्यक्रम में सभी की पैर धोकर सनातन धर्म में वापसी कराई गई
घर वापसी करनेवालों को किया गया सम्मानित
सेवानिवृत आरक्षी निरीक्षक हरिपद हांसदा ने घर वापसी करने वाली महिलाओं को साड़ी तो पुरुषों को धोती व गमछा देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर अखिल भारतीय जनजाति सुरक्षा मंच के सह संयोजक डा. राजकिशोर हांसदा, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण परिषद विभाग संगठन मंत्री विजय टुडू, आत्मानंद महाराज, साध्वी अनुराधा, गिरि वनवासी कल्याण परिषद के सचिव सीताराम ठाकुर आदि मौजूद थे।
होली के एक-दो दिन पहले आयोजित किया जाता है कार्यक्रम
बताया जाता है कि प्रत्येक वर्ष होली से एक-दो दिन पहले इस तरह का आयोजन किया जाता है। अन्य वर्षों में घर वापसी करने वाले लोगों की संख्या कम थी, लेकिन इस बार इनकी संख्या 111 तक पहुंच गई।
घर वापसी करने वाले कुसमा के दाउद मरांडी ने कहा कि प्रलोभन देकर उनलोगों का धर्मांतरण करा दिया गया था, लेकिन बाद में महसूस हुआ कि जैसा बताया गया वैसा कुछ भी नहीं है। इसलिए उन्होंने घर वापसी का निर्णय लिया।
बाघमारा की सुखी हांसदा ने कहा कि उन्हें बताया गया कि ईसाई धर्म अपना लेने से सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। इस वजह से उन्होंने ईसाई धर्म अपनाया था।
फिनलैंड की महिला ने भी अपनाया सनातन धर्म
गिरि वनवासी कल्याण परिषद के सचिव सीताराम ठाकुर ने बताया कि कार्यक्रम में पहुंची साध्वी अनुराधा फिनलैंड की रहनेवाली हैं। उनके पिता ईसाई धर्म प्रचारक थे, लेकिन साध्वी अनुराधा ने सनातन धर्म अपना लिया और अब उसके प्रचार-प्रसार का काम कर रही हैं।