ऐसी शिक्षा ऐसी पढ़ाई दुनिया के किसी भी और स्कूल-कॉलेज या यूनिवर्सिटी में नहीं मिलेगी।
इसी शिक्षा कि भारत को आवश्यकता है, हमारी आने वाली पीढ़ी को आवश्यकता है ताकि हमारे बच्चे नौकरियों के लिए सड़कों पर भीख ना मांगे अपितु हजारों लाखों लोगों को नौकरियां देने का सामर्थ्य तैयार कर सकें।
पूज्य महाराज श्री रितेश्वर जी का यह प्रवचन वर्तमान की शिक्षा पद्धति की पोल तो खोल ही रहा है साथ ही हमें विचार करने पर भी विवश कर रहा है कि हम आखिर यह कौन सी शिक्षा हमारे बच्चों को देख कर खुश हो रहे हैं?
अगर आज भी हम नहीं समझे और हमारे बच्चों को सही राह पर नहीं लेकर गए तो आने वाले समय में हमारी पीढ़ियां हमसे सवाल करेंगे हमें कोसेंगी कि जब तुम सब कुछ देख रहे थे, तुम्हें सब पता था, तुम समझ रहे थे कि आने वाले समय में अनाचार और अधिक बढ़ेगा तो आखिर क्यों विचार नहीं किया कि हमें सही शिक्षा दी जा सके आखिर क्यों गुरुकुलों को पुनर्जीवित करने के लिए प्रयास नहीं किया?
वीडियो को पूरा सुने इसमें एक एक बात वास्तविकता से भरी हुई है और यह सब हम भी जानते हैं कि वर्तमान की शिक्षा केवल ऊपरी शिक्षा है, जो हमें वास्तविक ज्ञान कभी नहीं दे सकती। हमें सोचना चाहिए कि हम क्या कर सकते हैं? माना हर जगह गुरुकुल नहीं है और बच्चों को गुरुकुल में नहीं भेज सकते लेकिन शास्त्र तो हैं! हम अपने बच्चों को घर में ही आध्यात्मिक संस्कार दे सकते हैं ,उन्हें शास्त्रों के सानिध्य में ला सकते हैं ताकि उन्हें सही गलत का पता चले और आने वाले समय में वह खुद अपने लिए संघर्ष कर सकें अन्यथा खूब शिक्षा लेने के बाद भी डिप्रेशन जैसी बीमारी का शिकार होकर बड़ी-बड़ी पोस्ट पर बैठे लोग आत्महत्या कर लेते हैं।