थेथरोलॉजी समझिये...☺️👇🏻 (इस तरह की दोगली बातें केवल दो ही प्रकार के लोग कर सकते हैं एक या तो मानसिक गुलाम हो या बिकाऊ लोग हो)
- हिरण्यकश्यप एक शक्तिशाली सम्राट था...
🔹दावा - हिरण्यकश्यप शुद्र था और शूद्रों को राज करने का अधिकार नहीं था...☺️
- हिरण्यकश्यप ने जप तप तथा यज्ञानुष्ठानों द्वारा ब्रह्माजी को प्रसन्न किया और अजेय शक्तियां प्राप्त की...
🔹दावा - शूद्रों को पूजा पाठ यज्ञ हवन तपस्या करने का अधिकार नहीं था...☺️
- हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद शस्त्र अस्त्र शास्त्र वेद उपनिषद की शिक्षा के लिए गुरुकुल जाता था...
🔹दावा - शूद्रों को शिक्षा दीक्षा का कोई अधिकार नहीं था, वेद पाठ सुनने पर कानों में शीशा पिघला के डाला जाता था...☺️
- होलिका ने जप तप वेदपाठ तथा यज्ञानुष्ठानों द्वारा ब्रम्हाजी से किसी भी प्रकार की अग्नि में न जलने का वरदान प्राप्त किया था...
🔹दावा - महिलाओं को शिक्षा, दिक्षा वेदपाठ और यज्ञानुष्ठान का अधिकार नहीं था...☺️
- हिरण्यकश्यप और उसकी बहन होलिका साथ मिलकर प्रजा पर घोर अत्याचार करते थे, दोनों ने प्रह्लाद को मारने के भी अनेकों प्रयास किये...
🔹दावा - शुद्र सदियों से सताए जाते रहे, शोषित वंचित और पीड़ित रहे...☺️
- होलिका ने अपने मासूम भतीजे प्रह्लाद को आग में जिंदा जलाकर मारने की कुचेष्टा की, परन्तु उस आग में वो खुद जल के मर गयी...
🔹दावा - होलिका को ब्राह्मणों ने जलाकर मारा...☺️
- होलिका के स्वंय की लगाई आग में जलकर मरने के बाद वहां की त्रस्त मूलनिवासी जनता ने धुलेंडी मनाया...
🔹दावा - शूद्रों पर अत्याचार कर के मनुवादी प्रसन्न होते थे...☺️
- हिरण्यकश्यप की मृत्यु के बाद, हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रह्लाद को ही राजा बनाया गया...
🔹दावा - शुद्रों को हमेशा प्रताड़ित किया गया...☺️
🔹 अब्बा डब्बा चब्बा...☺️😆😅
इसके अलावा आपको पता होगा की ये लोग रामायण तथा महाभारत को काल्पनिक बताते हैं लेकिन रावण को अपना बाप बना लेते हैं, संबूक और एकलव्य को लेकर अफवाहें फैलाते हैं..है इतनी दोगलापंथी (हरामीपना) लाते कहां से हैं, और इनकी बातों पर विश्वास करने वाले इतनी मूर्खता कहां से लाते हैं...