भारत और राम...
यूँ तो राम से इस देश के जन-जन का रिश्ता जन्म से लेकर मृत्यु तक का है और जब अपने भी साथ छोड़ देते हैं तब भी राम का नाम परलोक में आत्माओं तक का संबल बनता है लेकिन ऐतिहासिक रूप से भी भारत के विभिन्न भूभागों से राम का अद्भुत नाता है।
1) वे उत्तर प्रदेश के पुत्र हैं क्योंकि कोशल राज्य उत्तर प्रदेश में है।
2) वे छत्तीसगढ़ के भानजे हैं क्योंकि कौशल्या छत्तीसगढ़ स्थित दक्षिण कोशल के राजा भानुमान की पुत्री थीं।
3) वे महाराष्ट्र व आंध्रप्रदेश के दैवीय अतिथि*l हैं क्योंकि उन्होंने नासिक स्थित पंचवटी में लंबा समय गुजारा।
4) वे कर्नाटक व तमिलनाडु के मित्र हैं क्योंकि हंपी स्थित किष्किंधा में सुग्रीव को उनका अधिकार दिलाया।
5) वे श्रीलंका के मुक्तिदाता हैं क्योंकि उन्होंने उसे रावण से मुक्ति दिलाई।
6) वे नेपाल के दामाद हैं क्योंकि जनकपुर नेपाल में स्थित है।
7) वे गुजरात के प्रभु हैं क्योंकि ऋक्षराज जाम्बवन्त की पीढियां ऋक्ष पर्वत पर निवास करती थीं।
8) वे राजस्थान के परम पूज्य पूर्वज हैं क्योंकि मेवाड़ व आमेर के राजवंश उन्हीं के रक्त वंशज हैं।
9) हिमाचल, कश्मीर व पूर्वी पंजाब उनका दूसरा घर है जहां उनके बेटों लव और कुश ने लाहौर व कसूर पर राज्य किया।
वैसे कटरा में माता वैष्णो देवी भी उनका पति रूप में आज भी इंतजार कर रही हैं।
10) पंजाब व अफगानिस्तान उनका दूसरा ममाना था क्योंकि भरत की माता कैकई के भाई युधाजित वहां के राजा थे।
11) बिहार व बंगाल उनकी बहन की ससुराल थी क्योंकि उनकी बहन शांता अंग देश के महाराज रोमपाद की पालित पुत्री व श्रृंगी ऋषि की पत्नी थीं।
12) उत्तराखंड व हिमाचल श्रीराम के लिए भी मंदिर की भांति था क्योंकि वहां उनके महादेव का निवास कैलाश था।
13) और मध्यप्रदेश? मध्यप्रदेश की अवहेलना से दुःखी रानी गणेश कुंवरि की प्रार्थना पर वे ओरछा में अपना दूसरा दरबार लगाते हैं।
है न, भारत के कण-कण से हमारे रामजी का नाता!