भयानक षड्यंत्र जो तेजी से सफलता की तरफ आगे बढ़ता जा रहा है और स्वत संज्ञान तो दूर, बोलने के बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा।
यह वीडियो देखने के उपरांत अपने रिश्तेदारों को अपने जानने वालों को अवश्य शेयर करें ये बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर छोटा सा डिबेट है
इसे छोटा सा इसलिए कहा कि यह 3 मिनट 22 सेकंड का है लेकिन इस वीडियो में बहुत ही आश्चर्यजनक ; डरावनी ; षड्यंत्रकारी बात कही गई "अमन चोपड़ा"" के साथ न्यूज़ 18 इंडिया"
विचारणीय बात यह है कि जो सुप्रीम कोर्ट अश्विनी उपाध्याय जी की रिनेमिंग वाली PIL को खारिज करते हुए कहता है कि क्या ऐसी पीआईएल लगाकर आप देश को उबलते रहने देना चाहते हैं आप विशेष समुदाय पर निशाना साध रहे हैं और आप फूट डालो राज करो वाली नीति अपना रहे हैं, वह सुप्रीम कोर्ट इस गंभीर विषय पर जो कि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए एक भयानक खतरा है उस पर स्वतः संज्ञान नहीं लेता है, यहां तक कि 5 वर्ष पहले खुद अश्विन उपाध्याय जी ने ही इससे संबंधित पीआईएल सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी।
क्या सुप्रीम कोर्ट को नहीं लगता कि घुसपैठियों का देश में षडयंत्र पूर्वक घुसना और देश की जनसांख्यिकी को बुरी तरह प्रभावित करना देश के लिए एक बड़ा खतरा बनने जा रहा है? अब तो पीएफआई ने भी साफ साफ कह दिया कि 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बना देंगे। क्या फिर भी ऐसे गंभीर विषय पर स्वत संज्ञान लेते हुए कठोर कार्यवाही सरकार, प्रशासन और माननीय सुप्रीम कोर्ट को नहीं करनी चाहिए?
सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायाधीश कहते हैं कि हम यहां आपके सवालों के जवाब देने के लिए नहीं बल्कि आर्डर निकालने के लिए बैठे हैं... तो आखिर क्यों राष्ट्र की सुरक्षा के लिए घुसपैठियों को देश से बाहर उखाड़ फेंकने के लिए कोई आर्डर क्यों नहीं निकाल रहे?
क्या घुसपैठियों का मानवाधिकार देश और देश की अपनी जनता के जीवन और उनके मानवाधिकारों से अधिक महत्वपूर्ण है?
देश की जनता को अब सावधान होना होगा और जहां भी घुसपैठियों जैसी कोई हरकत हो उस पर सतर्क होते हुए आवश्यक एक्शन लेना होगा अन्यथा हो सकता है हम तो अपना जीवन किसी प्रकार जी लें लेकिन हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवन अत्यंत कष्ट दाई होगा। देश के लिए खतरा बन रहे इन घुसपैठियों का और इनके कट्टरपंथी समर्थकों का पूर्ण रूप से बहिष्कार तथा विरोध करना होगा।