सर्वप्रथम 1 माह से हिंदुओं को जगाने के लिए लगातार यात्रा कर रहे संतों का शंखनाद के साथ भव्य स्वागत हुवा
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में धर्म सभा का आयोजन किया गया था । देशभर से आए संत अब रायपुर से लौट रहे हैं। इस धर्म सभा के दौरान संतों ने हिंदुओं को शस्त्र रखने, जो ईसाई या मुसलमान धर्म को कबूल चुके हैं उन्हें वापस हिंदू धर्म में लाने, भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने का संकल्प लिया गया।
जूना अखाड़े के प्रमुख स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि-जापान के लोग जापानी हैं, लेबनान के लेबनानी हैं, फ्रांस के फ्रेंच हैं, यूरोप में यूरोपियन, अमेरिका में अमेरिकन तो फिर हिंदुस्तान में रहने वाला हर व्यक्ति हिंदू हैं।
उन्होंने आगे कहा , हनुमान चालीसा सप्ताह में एक दिन अवश्य करें और हर दिन मंदिर जाएं, जिस दिन हिंदू कट्टर हो गया। पूरी धरती पर शांति और समाधान के मार्ग खुल जाएंगे। इस धरती पर हिंसा नहीं रहेगी। संत यात्रा जागरण की यात्रा है, संत द्वार पर आए तो भगवान द्वार पर आ गए मेरा यह मानना है। जिस दिन हिंदू कट्टर हो गया, वह शिव की तरह धर्म की रक्षा के लिए अपने अंगों को काटने के लिए तैयार हो जाएगा। पश्चिम की प्रवृत्ति बाजार की है। ईस्ट इंडिया कंपनी यहां बाजार देखने आए थे। पूरा संसार हिंदू की दृष्टि में परिवार है।
मंच पर छत्तीसगढ़ के ही संत राजीव लोचन दास जी महाराज ने कहा कि हिंदुओं को अपने तन में शस्त्र रखना चाहिए और मन में शास्त्र। तभी वह हिंदू है और यदि ऐसे हिंदू होंगे तो हिंदू राष्ट्र अपने आप घोषित हो जाएगा। हमारे भगवान हमेशा शस्त्र के साथ दिखाई देते हैं । मगर हिंदुओं ने शस्त्र रखना छोड़ दिया अब उनके पास 2 लाख का मोबाइल फोन होता है, रास्ते में अगर कोई कुत्ता भी घेर ले तो क्या 2 लाख का मोबाइल काम आएगा। अपने साथ एक डंडा तो रख ही सकते हैं, अपनी आत्मरक्षा के लिए यह अधिकार हमें हमारा संविधान भी देता है।
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संत राजीव लोचन दास जी ने शस्त्रों की आवश्यकता समझाई |
बताया छत्तीसगढ़ में ही क्यों हुई धर्मसभा
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि रायपुर में धर्म सभा करने वाले संत भाजपा समर्थित हैं, उन्हें रायपुर में नहीं दिल्ली में जाकर हिंदू राष्ट्र की मांग करनी चाहिए। इस बात पर पलटवार करते हुए अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रनंद सरस्वती ने कहा कि छत्तीसगढ़ में चर्च की वजह से आतंकवाद बढ़ रहा है, छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक जिले नक्सलवाद से प्रभावित हैं इसी वजह से इस धरती पर इस धर्म सभा का आयोजन किया जाना जरूरी था।
कुछ परिवारों की धर्म में घर वापसी हुई
रायपुर और आस-पास के रहने वाले ही कुछ परिवार के 11 सदस्य धर्म सभा के मंच पर नजर आए । विश्व हिंदू परिषद के नेताआें ने कहा- कुछ समय पहले यह सभी ईसाई धर्म को मानने लगे थे, कार्यक्रम में इन्हें मंत्रोच्चार के बीच फिर से हिंदू धर्म में वापसी कराई गई।
धर्म छोड़ चुके लाेगों को हिंदू बनाने का संकल्प
कार्यक्रम में स्वामी परमात्मानंद ने एक संकल्प दिलाया । उन्होंने लोगों से कहलवाया कि भारत हिंदू राष्ट्र बने, धर्मांतरण रोकने का संकल्प दिलाते हुए उन्होंने मंच से नीचे मौजूद लोगों से बुलवाया कि जो लोग इसाई या मुस्लिम धर्म को अपना चुके हैं ऐसे लोगों को हम फिर से हिंदू बनाएंगे किसी भी व्यक्ति को हिंदू लोगों का धर्म बदलने नहीं देंगे।
हम हिंदू राष्ट्र बनाएंगे का गाने के माध्यम से संकल्प दिलवाया गया
अपने हिंदुत्व के कार्यों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाली साध्वी प्राची जी रायपुर पहुंची हुई थीं, उन्होंने राजधानी में हुई धर्म सभा में हिस्सा भी लिया। इस दौरान लव जिहाद और धर्मांतरण जैसे मसलों पर खुलकर बातचीत की।
साध्वी प्राची जी ने कहा कि देश में बढ़ रहे लव जिहाद को हिंदू संस्कारों और संस्कृति से ही रोका जा सकता है, युवा वर्ग को भारतीय संस्कृति से परिचित कराना होगा। धर्मांतरण और दूसरे धर्मों में लड़के-लड़कियों की शादी के मामले पर साध्वी प्राची ने कहा कि कुछ लोग भ्रम जाल में फंसकर लालच में आकर धर्मांतरण कर लेते हैं । उन्हें वापस हिंदू धर्म में लाने का काम किया जा रहा है । जल्द ही ऐसे लोगों की घर वापसी होगी। विश्व हिंदू परिषद यह काम करता आ रहा है। दूसरे धर्म में शादी और प्यार को लेकर साध्वी प्राची ने कहा कि लव जिहाद के चक्कर में आकर ऐसा करने वाले फिर पछताते हैं । उन्होंने श्रद्धा मर्डर केस का जिक्र उदारहण के रूप में करते हुए कहा.. मिली थी न श्रद्धा 35 टुकड़ों में।
आदिवासी हिंदू हैं
कार्यक्रम में स्वामी परमात्मानंद ने बताया कि कार्यक्रम में प्रदेश के आदिवासी बाहुल इलाकों से बैगा, जनजाति से ताल्लुक रखने वाले साधु भी पहुंचे हैं, जो जंगल में रहकर अपने धर्म के प्रति जागरण का काम करते हैं। यह सभी आदिवासी हैं और यह उन लोगों पर तमाचा है जो कहते हैं कि आदिवासी हिंदू नहीं ।
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आदिवासी क्षेत्रों के संत भी उपस्थित रहे। |
ये था कार्यक्रम का उद्देश्य
इस कार्यक्रम का उद्देश्य सनातनियों के बीच 'संगत एवं पंगत' (सत्संग एवं साथ बैठकर भोजन) के माध्यम से एकात्म-एकरस संगठित हिन्दू समाज प्रकटीकरण कर, हिन्दूभव (स्वाभिभान) जागृत करना है। समाज में बढ़ती हुई विषमता, भेदभाव, जनसंख्या असंतुलन, धर्मान्तरण, गौवंश हत्या एवं तस्करी, भूमि, लव एवं अन्य जिहाद, धार्मिक एवं सांस्कृतिक आक्रमण जैसी समस्याओं के समाधान एवं जागरण तथा हिन्दूराष्ट्र स्थापना हेतु संतों के नेतृत्व में पद यात्रा चल रही है।
संतों ने अपना काम सदैव ही किया है और समय समय पर संत समाज ने आगे आकर समाज का नेतृत्व किया है लेकिन कार्य तो समाज को हो करना होगा। दुष्ट अधर्मी शक्तियों को पहचानकर उनका विरोध तथा बहिष्कार तो करना ही है साथ ही स्वयं को तैयार रखना है आत्मरक्षा , परिवार की रक्षा, समाज की रक्षा , राष्ट्र तथा धर्म की रक्षा के लिए। हम सभिको खुद भी धर्म को समझते हुए उसका अनुपालन करना होगा और सभी सनातनियों को जागरूक कर उन्हें भी धर्म की पालना हेतु तैयार करना होगा
इस यात्रा में संतों ने जो महत्वपूर्ण संदेश दिया उसे पूरे देश में लागू करना अनिवार्य है... वो संदेश है👇
प्रदितिन सभी सनातनी मंदिर जाएं आपस में मेल जोल बढ़ाएं, और प्रति सप्ताह संध्याकाल सामूहिक हनुमान चालीसा के साथ बैठक रखें और आपस में चर्चा करें ताकि हमारा समाज जागरूक रहे और अधर्मी शक्तियों के प्रतिकार हेतु भी तैयार रहे। सभी सनातनी जाति पाती के भेद को पूर्णत भुलाकर आपस में सामंजस्य बनाए और सनातन धर्म को मजबूत करें तथा धर्मांतरण का एजेंडा चलाने वालों को अपने ग्राम, शहर, क्षेत्र की प्रवेश ना करने दें और प्रवेश करें तो उन्हें सही भाषा में सबक सिखाएं...
18 फरवरी को शुरू हुई थी यात्रा
ये धर्म सभा असल में हिंदू जागरण यात्रा का समापन है। ये यात्रा प्रदेश में 18 फरवरी को शुरू की गई थी। 30 दिनों तक चली इस यात्रा में 1000 से ज्यादा गांवों में संतों का स्वागत किया गया। 500 से ज्यादा वंचित उपेक्षित परिवारों में संतों ने उनके घर जाकर लोगों से मुलाकात की। पिछड़े लोगों के बीच जाकर संतों ने भोजन किया। उनके साथ धार्मिक चर्चाएं की।
दो लाख से ज्यादा हनुमान चालीसा, हनुमान लॉकेट, रामचरित मानस और भगवत गीता प्रसाद के रूप में निशुल्क वितरित किए गए हैं । इस पूरी यात्रा के दौरान ढाई लाख लोगों के साथ मिलकर अलग-अलग जगहों पर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। हिंदू राष्ट्र की मांग, मेरा गांव धर्मांतरण मुक्त गांव हो इसका संकल्प लिया गया