लखनऊ की विशेष एनआईए न्यायालय ने 7 आईएसआईएस(ISIS इस्लामिक जिहादी संगठन) के आतंकियों को मौत की सजा सुनाई है।
यह सजा इनको 2017 में भोपाल-उज्जैन ट्रैन पर हुए ब्लास्ट के लिए दी गई है।
मोहम्मद फैसल, गौश मोहम्मद खान,मोहम्मद अज़हर, आतिफ मुज़फ्फर,मोहम्मद दानिश, सईद मीर हुसैन,आसिफ इक़बाल रॉकी को मौत की सज़ा व मोहम्मद आतिफ ईरानी को जीवनभर कारावास की सजा दी गयी है।
एक और इसी ब्लास्ट का आरोपी सैफुल्ला को 2017 में उत्तरप्रदेश एटीएस ने मुठभेड़ में मार गिराया था।
क्या हुवा था...
भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में बम धमाके की वारदात 7 मार्च 2017 को हुई थी। सुबह ट्रेन भोपाल से रवाना हुई थी। सुबह करीब साढ़े 9 बजे ट्रेन में जबड़ी रेलवे स्टेशन के पास धमाका हुआ था। बम धमाके से 9 लोग घायल हुए थे। धमाके की आवाज से घबराए तमाम यात्री चलती ट्रेन से कूदे थे। जिनसे उनको भी चोट लगी थी। इस घटना की जांच एनआईए को सौंपी गई थी। पता चला था कि आईएसआईएस आतंकियों ने ट्रेन में बम रखा था। एक दोषी सैफुल्ला को लखनऊ में एनकाउंटर में मार गिराया गया था। बाकी 8 को यूपी के कानपुर, इटावा और मध्यप्रदेश के पिपरिया से गिरफ्तार किया गया था।
आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल से जुड़े थे आतंकी
गौरतलब है कि 7 मार्च 2017 ट्रेन ब्लास्ट मामले में यूपी एटीएस ने मामला दर्ज किया था. ब्लास्ट के ठीक एक दिन बाद लखनऊ के काकोरी इलाके से आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल से जुड़े एक सैफुल्लाह को एटीएस ने मार गिराया था और आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार आतंकियों से भारी मात्रा में असलहे, गोला और बारूद बरामद हुए थे. आरोपियों के खिलाफ देश के विरुद्ध जंग छेड़ने, टेरर फंडिंग, विस्फोटक और हथियार जुटाने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
आईएसआईएस के कानपुर के खुरासान मॉड्यूल के आतंकियों ने भोपाल-उज्जैन पैसेंजर में ही नहीं, बल्कि आधा दर्जन से ज्यादा बम धमाकों की कोशिश की थी, लेकिन वे सफल नहीं हुए। सबसे बड़ी साजिश ऐशबाग में दशहरे के मौके पर आयोजित पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में बम धमाका करने की थी। 10 नवंबर 2016 को गैंग लीडर आतिफ मुजफ्फर ने गौस मोहम्मद के साथ कार्यक्रमस्थल के पास बम रखा था। बम में धमाका भी हुआ था, लेकिन वह इतना मामूली था कि दशहरे की आतिशबाजी और भीड़ में किसी को पता ही नहीं चला।
सितंबर 2016 से पहले इस ग्रुप की तैयारी हिजरत (माइग्रेशन) की थी। इसके लिए इन लोगों ने देश के कई राज्यों की यात्रा की थी। ये लोग कश्मीर तक गए थे। लेकिन बाद में सीरिया में संघर्ष के चलते इनके विदेशी हैंडलर ने इन्हें इंडिया में ही रहकर आतंकी हमलों की तैयारी और उन्हें अंजाम देने के निर्देश दिए। इसके बाद इन लोगों ने एक के बाद एक कई कोशिशें की बम धमाकों की।