कहते हैं कानून सबके लिए समान है, लेकिन कहने में ही ये बातें अच्छी भी लगती हैं। क्योंकि वास्तव में तो हम सभी जानते हैं की सच्चाई क्या है। एक को अफवाह फैलाने के नाम पर भयानक तरीके से प्रताड़ित किया जाता है तो कई ऐसे भी हैं जो आए दिन अफवाह फैलाने हैं जहर उगलते हैं लेकिन उन्हें कुछ नहीं होता।
अब आप सोचकर देखिए को जिस तरह मोदी सरनेम पर राहुल गांधी ने टिप्पणी को और आजाद घूम रहे थे, फिर सजा होने के बाद भी तुरंत बैल मिल गई और अब भी आजाद घूमेंगे, उसी तरह यदि कोई आम आदमी गांधी सरनेम पर टिप्पणी कर दे तो उसका क्या होगा?
ऐसे ही हमारे देश में अनेकों लोग केवल आरोपों के कारण जेल में सड़ रहे हैं , जिनेक आरोप तक सिद्ध नहीं हुए को भी अपनी जिंदगी के कई दिन, महीने, साल गंवा रहे हैं और एक तरफ बड़े बड़े लोग खूब पाप करके भी मस्ती से खुले घूम रहे हैं और एक के बाद एक कुकर्म भी कर रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है की भारत का कानून उसका कुछ खास बिगाड़ नहीं सकता क्योंकि कानून अंधा है...
क्या है राहुल गांधी से जुड़ा पूरा मामला
गुजरात के सूरत सेशन कोर्ट ने राहुल गाँधी को पीएम मोदी पर दिए एक बयान के मामले में दोषी ठहराया है। कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई। हालाँकि उन्हें तुरंत जमानत भी मिल गई। राहुल गाँधी ने 2019 में कर्नाटक की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, “सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?” इस बयान के बाद राहुल गाँधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।
सुनवाई के दौरान राहुल गाँधी भी सूरत की कोर्ट में उपस्थित थे। उनके साथ कॉन्ग्रेस के कई बड़े नेता भी कोर्ट में मौजूद रहे। राहुल गाँधी को दोषी ठहराए जाने के बाद केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू का बयान आया। रिजिजू ने कहा कि राहुल गाँधी जो भी बोलते हैं उससे उनकी पार्टी और देश को भी नुकसान होता है।
13 अप्रैल 2019 को राहुल गाँधी ने कहा था, “नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी इन सभी के नाम में मोदी लगा हुआ है। सभी चोरों के नाम में मोदी क्यों लगा होता है।” इस बयान के बाद भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ सूरत में मामला दर्ज कराया था। राहुल गाँधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत केस दर्ज करवाया था, जो आपराधिक मानहानि से संबंधित है। 4 साल के बाद अदालत ने मामले में राहुल गाँधी को दोषी पाते हुए सजा सुना दी।
इस केस के सिलसिले में राहुल गाँधी कई बार सूरत पहुँचे। जून 2021 में राहुल गाँधी ने पेशी के दौरान अपना बयान दर्ज कराया था। कॉन्ग्रेस नेता ने अदालत को बताया था कि उन्होंने चुनाव के दौरान राजनीतिक कटाक्ष किया था। उन्होंने यह बात किसी समाज के लिए नहीं कही थी। साथ ही कहा कि इस मामले में अब उन्हें ज्यादा कुछ याद नहीं है।