क्या केवल मांस भक्षीही पशु हत्या के कारण हैं?
ये एक महत्वपूर्ण प्रश्न है और जब सच्चाई जानेंगे तो आपको पता चलेगा कि कहीं ना कहीं आप और आपके शोक भी पशु हत्यारे हैं।
क्या आपको पता है पूरे विश्व में हर साल लगभग 1 बिलियन यानी कि 100 करोड पशु केवल चमड़ा उद्योग के लिए तड़पा तड़पा कर मार दिए जाते हैं। जरा सोचिए कि आखिर इस क्रूरता का कारण क्या है आखिर कौन है असली हत्यारा जिसके कारण करोड़ों पशु हर साल दर्दनाक मौत मारे जाते हैं।
किसी पशु को भूखा रखा जाता है , किसी को खोलते पानी में जीवित डाल दिया जाता है तो सॉफ्ट लेदर के लिए गर्भ में ही बच्चे की हत्या कर उसे बाहर निकाल लिया जाता है।
देखिए वीडियो 👇
Watch and share video and take auth to not to use leather product life time
यह सारी हत्याएं केवल इसलिए होती है क्योंकि लोगों को चमड़े के प्रोडक्ट चाहिए लोगों को अपने शौक पूरे करने हैं। वह नहीं सोचते कि उस चमड़े के पीछे कितनी चीजें कितना खून कितनी दहशत है।
और सबसे बड़ी विचारणीय बात यह है कि पशु क्रूरता के विरुद्ध खड़े बड़े-बड़े एनजीओ और बड़े-बड़े समझदार लोग इस मामले में कुछ खास करते नजर नहीं आते अपितु आप अगर ध्यान से देखेंगे तो वह लोग खुद ही चमड़े के प्रोडक्ट का प्रयोग करते हैं।
एक कुत्ते या एक घोड़े के ऊपर अत्याचार होता है तो पूरे विश्व में हाहाकार मचा देते हैं ऐसे लोग लेकिन 100 करोड़ पशु हर साल तड़पा तड़पा कर मारे जाते हैं उस पर कोई कठोर एक्शन कहीं से नजर नहीं आता
खैर हमारे इस ब्लॉग का उद्देश्य उन लोगों की सच्चाई बताना नहीं है जो पशु क्रूरता के नाम पर हो-हल्ला तो करते हैं लेकिन वास्तविक काम कुछ नहीं होता अपितु हमारे इस ब्लॉग का उद्देश्य केवल इतना है की हम अधिक से अधिक लोगों तक यह ब्लॉक पहुंचा कर उनसे यह निवेदन कर सकें कि अपने शौक के लिए बेजुबान जानवरों की हत्या को बढ़ावा मत दो, लेदर के प्रोडक्ट का पूरी तरह बॉयकॉट करो।
अगर आपको भी लगता है कि यह जो बातें हमने इस ब्लॉग के माध्यम से आप तक पहुंचाई है वह सही है और आप भी लेदर का बॉयकॉट करते हैं तथा लोगों से करवाना चाहते हैं तो इस ब्लॉग को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं व्यक्तिगत संदेश करें, ब्रॉडकास्ट करें , कम्युनिटी के माध्यम से व्हाट्सएप पर शेयर करें और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से इसे जन जन तक पहुंचा कर करोड़ों जानवरों की जिंदगी बचाएं।
🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
प्रशासक समिति धर्म जागरण किट :
https://www.prashasaksamiti.com/p/vission.html