सबसे शक्तिशाली अस्त्र
हम उन कुछ विशेष दिव्यास्त्रों के विषय में बात करेंगे जो त्रिदेवों से सम्बंधित हैं और सबसे अधिक शक्तिशाली माने जाते हैं, जिन्हे हम महास्त्र कहते हैं। आम तौर पर हम त्रिदेवों के दिव्यास्त्रों में ब्रह्मास्त्र, नारायणास्त्र एवं पाशुपतास्त्र के बारे में जानते हैं किन्तु वास्तव में त्रिदेवों के महान अस्त्र भी तीन स्तरों/श्रेणियों में बंटे हैं और इनसे भी शक्तिशाली हैं। आइये त्रिदेवों के उन महान अस्त्रों के विषय में जानते हैं।
स्तर १:
⏺️ ब्रह्मास्त्र ये संभवतः सर्वाधिक प्रसिद्ध दिव्यास्त्र था। किसी भी योद्धा के पास ब्रह्मास्त्र होना सम्मान की बात मानी जाती थी। इसकी रचना स्वयं परमपिता ब्रह्मा ने की थी और ये अमोघ अस्त्र था। इसे जिसपर भी छोड़ा जाये उसका नाश अवश्यम्भावी था। ब्रह्मास्त्र का प्रतिकार केवल किसी अन्य ब्रह्मास्त्र से ही किया जा सकता था।इसे छोड़ने पर भयानक प्रलयाग्नि निकलती थी जो जीव-जंतु, वनस्पति एवं समस्त चर-अचर वस्तुओं का नाश कर देती थी। यहाँ पर भी ब्रह्मास्त्र द्वारा विनाश होता था वहाँ १२ वर्षों तक भयानक दुर्भिक्ष पड़ जाता था।
⏺️ वैष्णवास्त्र ये भगवान विष्णु का अचूक अस्त्र था जिसे उनके अतिरिक्त कोई अन्य रोक नहीं सकता था। इसे केवल श्रीहरि को प्रसन्न कर ही प्राप्त किया जा सकता था। इससे ना केवल मनुष्य अपितु देवताओं का भी नाश हो सकता था।
⏺️ रुद्रास्त्र ये महादेव का महाविध्वंसक अस्त्र था। जब इसे चलाया जाता था तो ११ रुद्रों की सम्मलित शक्ति एक साथ प्रहार करती थी और लक्ष्य का विध्वंस कर देती थी।
स्तर २
⏺️ ब्रह्मशिर ये ब्रह्मास्त्र का ही विकसित रूप था जो भगवान ब्रह्मा के ४ मुखों का प्रतिनिधित्व करता था। इस प्रकार ये अस्त्र ब्रह्मास्त्र से ४ गुणा अधिक शक्तिशाली था। ये अस्त्र इतना सटीक था कि इसके उपयोग से वन के बीच केवल एक घांस को भी नष्ट किया जा सकता था।
⏺️ नारायणास्त्र ये भगवान नारायण का अत्यंत विनाशकारी अस्त्र है। इसका कोई प्रतिकार नहीं है और इसे केवल भगवान विष्णु ही रोक सकते हैं। इस अस्त्र का प्रयोग करने से इन्द्रास्त्र, वरुणास्त्र, आग्नेयास्त्र इत्यादि अनेकानेक दिव्यास्त्र इससे निकलकर शत्रुओं का नाश कर देते हैं। इसके सामने पूर्ण समर्पण करने पर ये अपना प्रभाव नहीं डालता था।
⏺️ पाशुपतास्त्र ये भगवान शंकर का महाभयंकर अस्त्र है जिसका कोई प्रतिकार नहीं है। एक बार छूटने पर ये लक्ष्य को नष्ट कर के ही लौटता है। कोई भी शक्ति पाशुपतास्त्र का सामना नहीं कर सकती।
स्तर ३:
⏺️ ब्रह्माण्ड अस्त्र ये परमपिता ब्रह्मा का सबसे शक्तिशाली अस्त्र है जो उनके ५ सिरों का प्रतिनिधित्व करता है। ये ब्रह्मास्त्र से कई गुणा अधिक शक्तिशाली होता है और इसके प्रहार से पूरे विश्व का नाश किया जा सकता है। कई लोकों को एक साथ समाप्त करने की शक्ति इस अस्त्र में होती है।
⏺️ विष्णुज्वर ये भगवान विष्णु का सर्वाधिक शक्तिशाली अस्त्र है। इस अस्त्र के प्रहार से भयानक ठंड उत्पन होती है जो समस्त चर सृष्टि की चेतना लुप्त कर देती है। इस अस्त्र का कोई प्रतिकार नहीं है।
⏺️ शिवज्वर ये भगवान शंकर का अस्त्र है जिसे माहेश्वरज्वर भी कहते हैं। ये महादेव का सर्वाधिक विध्वंसक अस्त्र है। इसकी शक्ति महादेव के तीसरे नेत्र की ज्वाला के समान है जिससे क्षण में समस्त सृष्टि को भस्मीभूत किया जा सकता है। इसका भी कोई प्रतिकार नहीं है।