लेकिन क्या आपने कभी Dr हनुमान या आर्थोपेडिक हनुमान सुना? नहीं ना तो आज हम आपको ऐसे हनुमान जी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे वहां आसपास के लोग डॉक्टर साहब कहते हैं जो हड्डियों के डॉक्टर है और जिनके पास हड्डियों के मरीज जाते हैं और ठीक होकर बाहर आते हैं जितनी भीड़ वहां आसपास के अस्पतालों में नहीं होती उससे ज्यादा मरीजों की भीड़ भगवान हनुमान जी के मंदिर में होती है।
भारत आस्था का देश है भारत चमत्कारों का देश है। चमत्कार से आप सबको पता होगा कि किस प्रकार धीरेंद्र शास्त्री जी को लेकर अभी हाल ही में प्रकरण चला लेकिन धर्म द्रोही उनका बाल भी बांका ना कर सके आज हम आपको एक और चमत्कार की तरफ ले जा रहे हैं, जहां हनुमान जी के मंदिर में हड्डियां जुड़ जाती हैं।
जैसे अनेकों मीडिया वाले इस पर कवरेज कर रहे हैं इस पर रिपोर्ट बना रहे हैं मध्य प्रदेश के कटनी के एक छोटे से गांव का यह हनुमान जी का प्रसिद्ध मंदिर जहां दूर-दूर से लोग हड्डियों का इलाज करवाने पूरी श्रद्धा के साथ आते हैं और ठीक होकर वापस जाते हैं। वैसे तो ऐसे अनेकों चमत्कारी स्थान भारत में विद्यमान है लेकिन उनमें से बहुत से स्थानों की आम जनता को कोई जानकारी नहीं होती लेकिन दिव्यता अधिक समय तक छुपी नहीं रह सकती।
हनुमान जी का चमत्कारी मंदिर, जहां अपने आप जुड़ जाती है टूटी हुई हड्डियां
कहा जाता है कि जो भी इस मंदिर में दर्शन करता है उसकी टूटी हुई हड्डियां अपने आप जुड़ जाती हैं। वैसे तो इस मंदिर में रोज ही औषधि दी जाती है, पर मंगलवार तथा शनिवार की औषधि का प्रभाव ज्यादा होता है, इसलिए इन दो दिनों में ज्यादा मरीजों की भीड़ आती है। रहवासियों का कहना है की यहां रोज लाखों की संख्या में मरीज़ आते हैं लेकिन कोई भी निराश होकर नहीं जाता। यहां मंदिर के बाहर बनी दुकानों पर हड्डियों के दर्द आदि को ठीक करने के लिए तेल भी बिकते हैं।
पीड़ितों को साधू खिलाते हैं औषधि
यह हनुमान जी का मंदिर हड्डी जोड़ने वाले हनुमान जी के नाम से भी जाना जाता है। यहां मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही पीड़ित व्यक्ति को आंख बंद करके राम-नाम का जाप करने की सलाह देते हैं। पीड़ित व्यक्ति जैसे ही आंख बंद कर जाप करने में मग्न रहता है तभी वहां के साधू व संत अपने सहयोगियों के साथ सभी को कोई औषधि खिलाते हैं। जो की कई तरह की जड़ी-बूटियों से मिलकर बनती है व अत: यह प्राकृतिक औषधि होती है और पीड़ित को इसे चबाकर खाना होता है। वहीं औषधि खाने के बाद उन लोगों को घर जाने के लिए बोल दिया जाता है। उसके बाद औषधि के प्रभाव और हनुमान जी के आशीर्वाद से हड्डियां जुड़ जाती हैं।
नि: शुल्क मिलती है औषधि
हनुमान जी के मंदिर में आज तक कोई भी व्यक्ति निराश होकर नहीं गया। तथा यहां मंदिर में अौषधि के लिए कोई मूल्य नहीं है और वह हर व्यक्ति को निशुल्क ही खिलाई जाती है। लेकिन भक्त फिर भी अपनी श्रद्धा से दान पेटी में डाल देते हैं। मंदिर के बाहर दुकान से तेल मिलता है। मालिश के इस तेल बहुत ही कम कीमत में मिल जाता है।