हिंदुओं की स्थिति भी विचित्र है एक तरफ पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी का विरोध इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने संत तुकाराम जी के बारे में एक वाकया सुनाते हुए कुछ कह दिया लेकिन इसके पीछे उनका मंतव्य कतई संत तुकाराम जी का अपमान करना नहीं था फिर भी उनका विरोध हुआ और महाराज ने सफाई देते हुए माफी भी मांग ली
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वहीं दूसरी तरफ लगातार पिछले कई दिनों से रामचरितमानस पर अभद्र टिप्पणी या हो रही है, लगातार रामचरितमानस का अपमान किया जा रहा है उसे फाड़ने, जलाने आदि की बातें हो रही है और कुछ जगहों पर रामचरितमानस की चौपाई लिखकर उन्हें जलाया भी जा रहा है।
और विचित्र बात देखिए कि जो व्यक्ति इस प्रकार के भद्दे काम कर रहा है उसे सजा नहीं हो रही अपितु उसे पदोन्नति मिल रही है।
वहीं यदि किसी अन्य किताब के साथ ऐसा कुछ होता तो हम सभी जानते हैं कि देश भर में क्या स्थिति होती, कैसे प्रशासन और हमारा स्वतः संज्ञान लेने वाला न्यायालय घुटनों पर होता है। लेकिन यहां हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत किया जा रहा है और हिंदू ग्रंथ को अपमानित कर उसे जलाया जा रहा है इसलिए ना तो खुद हिंदू और बड़े-बड़े हिंदू संगठन कुछ खास कर पा रहे हैं ना ही सरकार, प्रशासन और न्यायालय को इस बात से कोई खास असर पड़ रहा है नहीं नेताओं को कोई फर्क पड़ता है कि उनका वोट बैंक खिसक जाएगा।
वैसे पंडित धर्मेंद्र शास्त्री जी ने रामचरितमानस पर भी अपने विचार प्रकट किए और हिंदुओं को एक खास संदेश भी दिया 👇ये संदेश सभी हिंदुओं को अवस्य सुनना चाहिए और अनुसरण भी करना चाहिए।
स्वीडन में कुरान जली 56 मुल्क एक हो गए 😒
भारत में "रामचरितमानस" जली हिन्दू जनता छोड़ो.. अपने आप को हिंदुओ के हितैषी बताने वाले हिन्दू संगठनों के कान मैं जूँ तक नहीं रेंगी…!! क्या ऐसे बनेगा हिन्दुराष्ट्र।
सहिष्णुता का सही नाम कायरता है और सेकुलरिज्म हिंदुओं की मूर्खता...
🫵हिंदु धर्मग्रंथ रामचरितमानस के अपमान पर चुप्पी क्यों?
😡नुपुर शर्मा ओर स्वामीप्रसाद मौर्य के लिए देश की सुप्रीम कोर्ट, देश की कथित सेक्युलर राजनीतिक पार्टियाओं के अलग अलग मापदंड क्यों?
👺नुपुर शर्मा के खिलाफ हंगामा मचाने वाली सेक्युलर पार्टीयां, कोंग्रेस, वामपंथी, राहुल गांधी, केजरीवाल, ममता, पवार, ठाकरे , लिबरल गेंग , टुकड़े टुकड़े गैंग, कथित बुद्धिजीवी, स्वामीप्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस के अपमान पर चुप क्यों ?
हे बाबा तुलसीदासजी! हम को क्षमा करना🙏🏻
✊आपने पूरे भारत में सीताराम का नाम घर-घर में जीवित रखा। बादशाह अकबर के काल में भी हिन्दू जनता के बीच 'राजा रामचंद्र की जय' के उद्घोष को अक्षुण्ण रखा।🚩
😔लेकिन आज हिंदु समाज द्वारा नकारे गये जो लोग अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन वापस पाने के लिए आपके द्वारा लिखित रामचरितमानस को जलाने वालों को हम सेक्यलरिजम की वजह से दंडित नहीं कर पा रहे। 🤦🏻♂️
हमें क्षमा करना।🙏🏻😢
वो तो भला हो up वालों का की वहां योगी सरकार है जिस कारण कम से कम FIR तो हो रही है।