उत्तर प्रदेश के देवरिया और सुल्तानपुर में अलग-अलग मामलों में आशिक अंसारी और एहसान ने कथित तौर पर दो महिलाओं को बहला-फुसलाकर जबरन धर्म परिवर्तन कराया। पहले मामले में, आशिक अंसारी ने एक विवाहित महिला को निशाना बनाया और धर्म परिवर्तन से पहले उससे पैसे ले लिए।दूसरे मामले में, एहसान ने एक अन्य महिला का अपहरण किया और उसके परिवार को सूचित किया कि धर्म परिवर्तन पूरा हो गया है।
दोनों परिवारों ने न्याय और सुरक्षा की मांग करते हुए संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। दोनों ही मामलों में कोई एफआईआर या गिरफ्तारी की सूचना नहीं है। आखिर क्यों ऐसे गंभीर मामलों में प्रशासन इतना सुस्त हो जाता है? ऐसी सुस्ती क्या अपराधियों का सहस नहीं बढ़ाती?

