मिलिए सृष्टि खन्ना और प्रशांत पुंडीर से – सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर जो इस बात से नाराज़ हैं कि कागज़ पर भारत फ़िलिस्तीन समर्थक है, फिर भी इज़राइल के साथ मज़बूत राजनयिक संबंध बनाए रखता है।वे यह भी सवाल उठा रहे हैं कि भारत इज़राइल से हथियार क्यों खरीदता है।वे इस बात से नाराज़ हैं कि भारत ने कारगिल युद्ध में इज़राइल से खरीदे गए हथियारों का इस्तेमाल क्यों किया!
वे एक और मुद्दा उठाते हैं कि भारत और इज़राइल लोकतांत्रिक देश होने के नाते आतंकवाद की साझा चुनौती का सामना कर रहे हैं।फ़िलिस्तीन समर्थक होने का मतलब यह नहीं है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों से ऊपर फ़िलिस्तीन को प्राथमिकता देगा या देना चाहिए। मुझे सच में समझ नहीं आता कि अचानक हर किसी को भू-राजनीतिक विशेषज्ञ बनने की ज़रूरत क्यों महसूस हो रही है। भू-राजनीति और विदेश नीति के फैसले सरकार को क्यों नहीं लेने दिए जाते?

