दिल्ली पुलिस ने दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम की ज़मानत याचिका का विरोध करते हुए कोर्ट में कहा कि शरजील और उसके सहयोगियों का मकसद सत्ता परिवर्तन और अर्थव्यवस्था का गला घोंटना था।पुलिस ने कहा, "जब बुद्धिजीवी आतंकवादी बन जाते हैं तो वे ग्राउंड पर काम करने वाले आतंकवादियों से अधिक खतरनाक हो जाते हैं।"
दिल्ली पुलिस ने जो स्टेटमेंट दिया वो बात सरकार, प्रशासन और कोर्ट को ठीक से समझ लेना चाहिए , साथ ही देश की जनता को भी इस बात को समझना चाहिए ताकि जो लोग मानते है कि पढ़ा लिखा मुस₹मान कभी आतंकी नहीं हो सकता वो सच से अवगत हो सकें. सच्चाई यही है कि जिनके मन मस्तिष्क में मजहबी ठिकानों से बचपन से जेहाद भरा जाता है वो कितना पढ़ते , लिखते है वो उतने ही बड़े और खतरनाक आतंकी बनते है...
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