हाल ही में एक हिंदू ने निवेदन किया था कि भगवान विष्णु की मूर्ति को सही किया जाए तो Cji साहब ने मजाक उड़ाया था और भगवान से ही ठीक करवा लेने का व्यंग्य किया था लेकिन सुना है अब एक मास्क की आउटर वॉल ठीक करवाने का निवेदन आया है तो सम्मान बुधवार को PIL सुनने की बात कही है..
सोशल मीडिया पर अब लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर क्यों इस बार साहब यह नहीं कह पाए कि जो अल्लाह से कहकर रिपेयर करवा लो आखिर क्यों केवल हिंदू को ही अपने भगवान से रिपेयर करवा लेने का ज्ञान दिया था? अब इस प्रकार की बातों को दोगलापन नहीं तो क्या कहा जाए और क्या यह दुर्भाग्य नहीं हमारे देश का जहां सर्वोच्च न्यायालय में इस प्रकार का दोगलापन होता हो??