सभी को जानकारी है कि एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट को दोहरी मानसिकता देखकर आक्रोशित होकर वर्तमान CJI गवई को जूता मारने का प्रयास किया और उन्होंने ऐसा करने का कारण भी स्पष्ट किया लेकिन अब कुछ जाहिल लोग इस मामले में दलित तड़का लगा रहे हैं तो ऐसे लोग सुन लें की जब CJI साहब बौद्ध धर्म अपना चुके है तो दलित कैसे हुए??
वैसे तो CJI साहब को नैतिकता से इस बात का खंडन करना चाहिए कि एक दलित होने के नाते उन पर जूता मारने का प्रयास कोय गया... लेकिन जो नैतिकता के नाते करोड़ों हिंदुओं को भावना आहत करने के बाद माफी तक नहीं मांग पा रहे उनसे नैतिकता की क्या आशा रखी जाए।।।