बंगाल में BJP के ‘आदिवासी’ सांसद को लहू- लुहान कर दिया गया, लेकिन आज तक उनकी जाति किसी को याद नहीं आई।खासकर उन्हें — जो CJI पर हुए ‘जूता हमले’ के बाद हमलावर की जाति ढूंढने में लगे थे। क्या सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पर जूता फेंकना ‘आतंकी हमला’ है, लेकिन किसी सांसद को पीट-पीटकर उसके चेहरे की हड्डियां तोड़ देना — ममता बनर्जी के अनुसार — ‘गंभीर नहीं’?
दोगलों की फौज काम पर लगी हुई है भारत में जहां एक CJI जिसने 80 करोड़ हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया उस पर जूता फेंके जाने की कोशिश पर हो हल्ला मचा दिया लेकिन वहीं एक आदिवासी सांसद जिसे बंगाल में पीट-पीट कर लहू लोहान कर दिया गया उसपर चुप हैं क्योंकि वह बीजेपी से संपर्क रखता है! इससे इतना तो साफ है कि हो हल्ला केवल वहीं मचेगा जहां कुछ लोगों को लाभ मिलेगा... समझे