भारत से लेकर विश्व के अन्य देशों में होने वाली मजहबी हिंसा में एक पैटर्न स्पष्ट देखा जा सकता है। वो यह जता रहे हैं कि उन्हें किसी बात को लेकर ग़ुस्सा आ सकता है और काफिर को चाहिए कि वो उनके ग़ुस्से को स्वीकार करे। यह ग़ुस्सा उन्हें लाइसेंस दे देता है जिसके बाद उनका हर अपराध जायज़ हो जाता है।
समस्या यह है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार अब उनकी इस मर्जी को चुनौती देने लगी है। हाल में बरेली और कानपुर, उन्नाव जैसे ढेरों उदाहरण हैं। इस वीडियो में हमने 2012 में अखिलेश यादव सरकार के समय ग़ाज़ियाबाद के मसूरी में हुई हिंसा, बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पर हुई हिंसा और डेनमार्क में कार्टूनिस्ट को लेकर उठे विवाद को उदाहरण बनाया है।