पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश के बाद, ‘आंदोलनकारियों’ ने आज नेपाल की संसद को घेर लिया और घुस गए। आर्मी को बुलाया गया, छः मरे और कई घायल हैं। कर्फ्यू की घोषणा की गई है। पैटर्न सेम है। हमारे हर पड़ोसी राष्ट्र में तख्तापलट हुआ, या करवाया गया है। कॉन्ग्रेस भी भारत में यही दृश्य देखना चाहती है।
यही कारण है कि ऑपरेशन सिंदूर पर इनके विचार पाकिस्तान के समर्थन में हैं। टैरिफ पर इनके विचार अमेरिका के समर्थन में है। घुसपैठियों पर इनके विचार बांग्लादेश के समर्थन में हैं।फर्जी किसान आन्दोलन तथा शाहिन बाग आंदोलन इन्हीं एजेंडाओ का हिस्सा था अब जाती - जाती हर चुनावी सभा में भी इसी एजेंडे के तहत की जाती है। देशवासियों को सावधान रहना होगा और राष्ट्रप्रथन को सोच के साथ आगे बढ़ना होगा अन्यथा देशद्रोही तख्ते जीत जाएंगी और हम नष्ट हो जाएंगे