जिस मानसिकता में पिता तुल्य ससुर अपनी बहु से शारीरिक संबंध बना सकता है उससे कैसे कोई अपनी बहु को बेटी मानने वाले भाईचारा निभा सकते है। मामला सम्भल का है जहां एक मुस्लिम ने अपना पत्नी को तलाक दिया फिर हलाला जैसी घृणित और प्रतिबंधित कुप्रथा की आड़ में अपने ही बाप से अपनी पत्नी का हलाला करवा दिया... इस मामले में दो जाहिल मौलवियों समेत 5 पर रिपोर्ट हुई है
अधार्मिक, अनैतिक कृत्यों को जो जस्टिफाई करे वो धर्म है या अधर्म इसका निर्णय कोई साधारण विवेकी व्यक्ति भी कर सकता है लेकिन एक मानसिकता जो अनैतिक कार्यों को मजहब के नाम पर जस्टिफाई करती है और किसी भी प्रकार के सुधार के लिए तैयार नहीं है उस मानसिकता से किसी भी प्रकार का संबंध रखना मूर्खता से कम नहीं होगी। हिंदुओं को ऐसी मानसिकता से दूर रहना चाहिए

