आपने कई बार देखा होगा की विशेष समुदाय द्वारा हिंदुओं के लिए हिंदुओं के पर्वों पर भंडारे आदि किए जाते हैं और उसे बढ़-चढ़कर प्रमोट भी किया जाता है खबरिया दलाल इस भाईचारे का संदेश बताते हैं लेकिन फर्रुखाबाद से जो घटना सामने आई उसके बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि इस प्रकार के मजहबी भंडारे एजेंट से परिपूर्ण होते हैं। फर्रुखाबाद में मुस्लिम प्रधान ने ग्रामीणों को जन्माष्टमी के दिन मांसाहारी बिरयानी बंदी और पकड़े जाने पर बाढ़ पीड़ितों की मदद करने का बहाना बना रहे है
न जाने कितने सेकुलर हिंदू ग्रामीणों ने मुस्लिम प्रधान द्वारा बांटी गई बिरयानी का लुफ्त उठाया होगा और अपना धर्म भ्रष्ट किया होगा लेकिन दुर्भाग्य इन हिंदुओं को जितना मर्जी समझ लो यह तब तक नहीं समझते जब तक खुद शिकार नहीं बन जाते। काश इस घटना से हिंदुओं के बंद पड़े चक्षु खुल जाए और आगे किसी भी एजेंट डे का शिकार ना हो
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिला स्थित चिनघटपुर गाँव में बाढ़ राहत के नाम पर ग्राम प्रधान शमी मोहम्मद ने जन्माष्टमी पर चिकन बिरयानी बँटवा दीं। उस दिन हिंदू लोग व्रत में थे। खाने में मांस देखकर लोग गुस्सा गए। सोशल मीडिया पर गाँव के सुनील ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी।
'बाढ़' और 'धर्म'…
— Devanshu Mani Tripathi (@devanshu_mani) August 24, 2025
राईपुर चिनघटपुर गांव… जन्माष्टमी के बाद से ही इस बाढ़ग्रस्त गांव में तनाव की स्थिति है। आरोप है कि यहां भगवान के जन्मदिन पर लोगों को राहत सामग्री में मीट और चिकन दिया गया। आरोपी जेल में हैं।
पढ़िए और देखिए पूरी रिपोर्ट: https://t.co/Sz05CzZ3h4 pic.twitter.com/xYSFjJxiRD
वीडियो में सुनील कहता है, “इसमें देखो, मुर्गा है ये। शमी प्रधान ने बाँटा है। बच्चे लेकर आए हैं, उन्होंने खाया। देखो, इसमें ये निकला है।”
क्या है पूरा मामला ?
फर्रुखाबाद से 40 किमी की दूरी पर कायमगंज तहसील में कंपिल कस्बा स्थित है। यहाँ गंगा खतरे के निशान से 20 सेमी ऊपर बह रही है, जिसकी वजह से आस-पास के 50 से ज्यादा गाँव डूब चुके हैं। ऐसी ही हालत राईपुर चिनघटपुर गाँव की भी है।
चिनघटपुर गाँव में बाढ़ राहत के लिए ग्राम प्रधान शमी मोहम्मद ने खाना बाँटा। खाने का वीडियो बनाने वाले गाँव के सुनील ने दैनिक भास्कर को पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया, “मेरे बड़े भाई पिंटू बाढ़ राहत के लिए बाँटा गया खाना खा रहा था। अचानक वह चिल्लाया, खाने में मीट है। उसने पैकेट फेंक दिया, मुझे लगा कि वो बिरयानी में डाली सोयाबीन बरी को मीट समझ रहा है। फिर भी मैंने पैकेट उठाकर देखा। बिरयानी में सच में चिकन और हड्डियाँ थीं।”
सुनील ने गाँव के प्रधान को फोन लगाया लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद सुनील ने चिकन बिरयानी के डब्बे का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो को देखकर हिंदू संगठन ने सपोर्ट किया।
इसके बाद हिंदू महासभा, बजरंग दल और VHP के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। 17 अगस्त 2025 को विरोध प्रदर्शन कर कंपिल थाने को घेर लिया और शिकायत दर्ज कराई।
थाना कम्पिल क्षेत्रांतर्गत बाढ पीड़ितों को ग्राम प्रधान द्वारा नॉनवेज बिरयानी वितरित करने व पीड़ित लोगों द्वारा की गई शिकायत पर कार्यवाही के सम्बन्ध में अपर पुलिस अधीक्षक फतेहगढ़ द्वारा दी गई बाइट।#fatehgarhpolice pic.twitter.com/b41a9KBU2l
— FATEHGARH POLICE (@fatehgarhpolice) August 17, 2025
इसके बाद फर्रुखाबाद पुलिस ने ग्राम प्रधान शमी मोहम्मद, उसके बेटे सैफ और तालिब के साथ मोहम्मद सामी उर्फ मुस्तफा के खिलाफ BNS की धारा 196 (धर्म, जाति या समुदाय के बीच नफरत को बढ़ावा देना), 352 (शांति भंग) और 351 (आपराधिक धमकी देने) की धाराओं के तहत केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
गाँववालों ने क्या कहा?
मामले पर दैनिक भास्कर से बातचीत में गाँव के लोगों ने अपनी आबपीती सुनाई। उन्होंने बताया कि कैसे ग्राम प्रधान ने गलत मंशा से हिंदू त्योहार पर मांस भेजा। इससे लोगों का धर्म भ्रष्ट हुआ है।
गाँव की सुनीता देवी बताती हैं, “दोपहर के लगभग 3 बज रहे होंगे। स्टीमर की आवाज सुनाई दी। हमें समझ आ गया कि गाँववालों के लिए खाना आया है। बच्चे दौड़कर स्टीमर की तरफ पहुँच गए।”
सुनीता बताती हैं, “हमने पैकेट खोला तो उसमें चावल के साथ चिकन और हड्डी निकली। ये देखकर मन खराब हो गया। हमने तुरंत सारे पैकेट फेंक दिए। तब तक घर के कुछ लोगों और बच्चों ने वही खाना खा लिया था। इससे मेरा जन्माष्टमी का व्रत खंडित हो गया।”
दो गुटों में बँटा गाँव
जहाँ एक तरफ कुछ गाँववाले प्रधान को दोषी मान रहे हैं, वहीं कुछ लोग उसके समर्थन में खड़े हैं। प्रधान के समर्थकों का कहना है कि मामले को जानबूझ कर हाइलाईट किया जा रहा है ताकि प्रधान की बदनामी हो। दूसरी तरफ अन्य गाँववालों का आरोप है कि प्रधान और उसके बेटे की गिरफ्तारी के बाद उन्हें केस वापस लेने के लिए धमकियाँ मिल रही हैं।
सबसे पहले हिंदू संगठनों को मामले की जानकारी देने वाले देवेंद्र यादव का कहना है, “16 अगस्त को प्रधान शमी अपने बेटों सैफ अली और तालिब अली के अलावा 3 लोगों के साथ बिरयानी के पैकेट बाँट रहे थे। जन्माष्टमी होने की वजह से ज्यादातर गाँववालों का व्रत था। कुछ लोगों ने बिरयानी खाना शुरू किया तो उसमें मांस के टुकड़े मिले। गाँव में 10 से 12 परिवार ऐसे हैं, जिन्हें उस दिन नॉनवेज खाना मिला।”
दूसरी तरफ प्रधान शमी मोहम्मद की बीवी हुसनुमा बेगम का कहना है, “वे तो लोगों की मदद करने गए थे। उन्हें नहीं पता था कि इस काम के लिए भी उन्हें फँसा दिया जाएगा। पूरा केस प्रधान को बदनाम करने के इरादे से बनाया गया।”
वहीं, हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष विमलेश मिश्रा कहते हैं, “जिस गाँव में ये दुखद घटना हुई, वहाँ हमारे यादव समाज के भाई रहते हैं। वे धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी मनाते हैं। सवाल ये है कि एक गैर हिंदू प्रधान ने चिकन बिरयानी बँटवाने के लिए वही दिन क्यों चुना। हिंदुओं का मांस वाला खाना खिलाया गया, ये एक सोची समझी साजिश है।”
उन्होंने बताया, “16 अगस्त को रात तक मुकदमा नहीं लिखा गया, तो हिंदू संगठनों के लोगों ने दुर्वासा ऋषि आश्रम के महंत ईश्वरदास महाराज की मदद से जिले की SP आरती सिंह और DM आशुतोष कुमार द्विवेदी तक इस मामले को पहुँचाया। इसके बाद आरोपितों पर FIR दर्ज की गई।”
पुलिस जाँच में पता चला है कि प्रधान ने मुस्लिम बहुल गाँव एकलहरा के लिए नॉनवेज बिरयानी और हिंदू बहुल राईपुर चिनघटपुर के लिए सोयाबीन बिरयानी तैयार करवाई थी। SI प्रेमपाल सिंह के अनुसार, गलती से नॉनवेज पैकेट राईपुर गाँव में पहुँचा दिए गए।
हालाँकि, मामले को लेकर अब भी गाँव में तनाव बरकरार है। गाँव में माहौल न बिगड़े इसीलिए पुलिस की तैनाती की गई है।