किशनगंज जिला के बहादुरगंज थाना क्षेत्र में दलित समाज का 18 साल का बेटा राजा मोबाइल चोरी के शक में पकड़ लिया गया और मोज़म, तकी, मोहम्मद इजहार, अशरफ़ समेत 10–15 दरिंदों ने घंटों तक बंधक बनाकर उसे पीटा।अगर आरोपी सामान्य वर्ग का होता तो राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, तेजस्वी यादव, राज श्री यादव सब फोटो खिंचवाने दौड़ पड़ते। मीडिया हेडलाइन बना देती, और ये नेता बिलख–बिलख कर “दलित अत्याचार” का विलाप करते।
लेकिन क्योंकि आरोपी मुस्लिम है और समाजवादी और समाजिक न्याय के समूह का हिस्सा हैं, इसलिए सब चुप हैं। इन जातियों के अत्याचार को “नॉर्मल” मान लिया गया है। यही है समाजवाद की गंदी सच्चाई—अत्याचारियों की ढाल और पीड़ितों के लिए चुप्पी!दलित समाज का दुर्भाग्य यही है कि इनको ज़ख्म कोई देता है और मदद कोई करता है और इन्हे सच को झूठ और अत्याचार को “सामाजिक न्याय” का नाम दे दिया जाता है। और यह विस्वास कर लेते है।
बिहार पुलिस तुरंत कठोर कार्रवाई करे तमाम आरोपियों पर सख़्त धाराओं में मुकदमा दर्ज हो और उचित करवाई की जाए।