कृष्ण जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण को धनिया की पंजीरी का प्रसाद चढ़ाना बहुत पुरानी परंपरा है। ऐसा इसलिए क्योंकि .... 🧵👇
इसे धार्मिक नजरिए से अहम माना जाता है। इसलिए हर कोई भगवान कृष्ण को भोग लगाने के लिए इसे बनाते नजर आते हैं। लेकिन इसकी महत्वता क्या है इसके बारे में भी जानना जरूरी है, जिसकी जानकारी हमने पंडित जन्मेश द्विवेदी जी से ली है।
धनिया पंजीरी बनाने का धार्मिक कारण :
भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय भोग होता है धनिया का प्रसाद, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि माखन-मिश्री के साथ-साथ यह भोग भी उन्हें बेहद पसंद है। जब भक्त इसे पूरी श्रद्धा और निष्ठा से अर्पित करते हैं, तो भगवान प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा बनी रहती है
धनिया का प्रसाद होता है धन का कारक :
अगर आप धन से जुड़ी समस्याए है, तो ऐसे में आप जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को धनिया का प्रसाद चढ़ाएं। ऐसा इसलिए धनिया धन का कारक है।
इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है। ऐसा कहा जाता है कि इस प्रसाद को चढ़ाने और ग्रहण करने से आपके आसपास सकारात्मक ऊर्जा आती है। साथ ही, आपके जीवन के रुके हुए कार्य आसानी से हो जाते हैं। इसलिए आपको इसे प्रसाद के तौर पर भगवान को जरूर चढ़ाना चाहिए।
धनिया का प्रसाद बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान :
आप जन्माष्टमी के मौके पर धनिया का प्रसाद में तुलसी के पत्ते को जरूर डालें। ऐसा इसलिए क्योंक भगवान को तुलसी अति प्रिय होती है
प्रसाद का भोग लगाते समय उसे ढककर रखें, ताकि इसका भोग कोई और न लगा सके।
इस प्रसाद को अपने घर के सदस्यों में बांटे ताकि आपके घर में सकरात्मकता बनी रहे।
प्रसाद को हमेशा चांदी के पात्र में रखकर ही भगवान को अर्पित करें। इससे भोग का आशीर्वाद मिलता है।
इन धार्मिक कारणों से जन्माष्टमी के दिन धनिया का प्रसाद चढ़ाया जाता है, ताकि भगवान कृष्ण की कृपा हमारे ऊपर हमेशा बनी रहे। साथ ही, हमें किसी तरह की कोई समस्या न हो।
आप चाहें तो अपने पंडित जी से जानकारी लेकर प्रसाद का भोग लगा सकते हैं। इससे आपको भगवान कृष्ण का आशीर्वाद मिलेगा।
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