क्या हिंदुहृदय सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज ने केवल मराठियों लिए सब कुछ किया था? आखिर ये कौन दुरात्मा है जो लोगों को भाषा के नाम पर लड़ा रहे है। महाराष्ट्र में सभी राज्यों के सभी भाषा के लोग साथ आते रहे हैं लेकिन बीच बीच में कुछ कुकुरमुत्ते और उनके बीज लोगों के बीच भाषाई लड़ाई करवाते हैं।
जरा सोचिए जिन नेताओं के लिए ये लड़ रहे हैं क्या उनके बच्चे भी सड़कों पर इनके साथ लड़ते है? क्या वो भी मराठी या स्थानीय भाषा में ही पढ़ाई करते है? जो लोग इन नेताओं के इशारों पर उनकी चमचागिरी करते हुए दादागिरी कर समाज के गंदगी फैलाएं है वो थोड़ा अपने दिमाग का भी प्रयोग करें तो समाज का भला होगा और राष्ट्र का भी