एक कथित यादव कथावाचक जिसपर पहचान छुपाने और महिलाओं से छेड़छाड़ के आरोप है उसका मामला तो आप सभी को याद होगा ... याद हो भी क्यों न खुद अखिलेश यादव जो इस मामले को हाइलाइट कर रहे हैं। अखिलेश बाबू और उनके चमचों को एक यादव के बाल काटने और थोड़ी सी पिटाई से बड़ी भारी परेशानी हुई ... लेकिन समझ नहीं आता कि एक यादव लस्सी वाले की जब मुसलमानों ने पीट पीटकर हत्या कर दी थी तब अखिलेश जी कौनसे बिल में छुपे थे.?
राजनीति की सच्चाई को समझने के लिए बस थोड़ा सा पीछे जाना होगा , ये जातिवादी किसी तभी बिलबिलाते हैं जब मामला उनके एजेंडे में फिट बैठता है... इन्हें न अपनी जाती के लोगों से कोई मतलब, ना समाज से , ना धर्म और ना राष्ट्र से इन्हें बस अपना एजेंड चलाना है ताकि ये सत्ता में बने रहें और मलाई चाटे... असली मूर्ख तो वह है जो इनके बहकावे में आके इनके एजेंडे के हिस्सा बनते हैं