मैं पश्चिम बंगाल प्रशासन से पूछना चाहता हूँ कि क्या यह अधिसूचना सत्य है?रानीनगर - ब्लॉक क्रमांक 1 में ‘दीघा जगन्नाथ धाम सांस्कृतिक केंद्र’ के राशन डीलरों को प्रसाद (मिठाई) की आपूर्ति के लिए जो अधिसूचना सामने आई है, उससे अब स्थानीय हिंदुओं में आशंका पैदा हो गई है। इस अधिसूचना की सच्चाई को प्रशासन के संज्ञान में तुरंत लाया जाना चाहिए।
अधिसूचना में देखा गया है कि कई स्थानीय मिठाई की दुकानों के मालिकों के नाम और नंबर दिए गए हैं, जहाँ उस सूची में दी गई चार मिठाई की दुकानों में से तीन के मालिक मुस्लिम हैं!तो क्या सरकार माननीय ‘तोषण’ की ओबीसी सूची की तरह यहाँ भी मुसलमानों के आरक्षण को सुनिश्चित करने की पहल कर रही है?क्या मुस्लिम व्यापारियों को हिंदुओं को वितरित करने के लिए प्रसाद तैयार करने का ठेका भी दिया जा रहा है?