पश्चिम बंगाल से हिंदुओं के लिए अत्यंत चिंताजनक खबर ...जगन्नाथ मंदिर में मुस्लिम बनायेंगे प्रसाद! मुस्लिम कौन है और उनकी आस्था किस्में है तथा उनकी मानसिकता और उनका एजेंडा क्या है ये तो अभी अपने अपने स्तर पर समझते हैं। लेकिन प्रश्न ये उठता है कि आखिर क्या आवश्यकता है हिंदू मंदिर में उनके द्वारा मिठाई बनवाने की जिनकी आस्था ही मंदिर में न हो.? आखिर ममता सरकार ऐसा क्यों कर रही है? क्या ये मुस्लिम प्रेम के कारण हिंदू आस्था कर प्रहार नहीं है?
देश भर से अनेकों खबरें आती रही है और आ रही है कि मुसलमानों द्वारा हिंदू मंदिरों को अपवित्र करने का प्रयास किया जा रहा है ऐसे में क्या हिंदू मंदिरों में प्रसाद अब मुसलमानों द्वारा तैयार किया जाएगा उसकी पवित्रता की कोई गारंटी होगी? संभवतः हिंदू ममता सरकार के निर्णय को ना बदलवा सकें लेकिन हिंदू इतना तो कर ही सकते हैं कि ऐसे मंदिरों में जाके केवल भगवान के दर्शन करें..न फूल, ना प्रसाद और न ही चढ़ावा... अगर हिंदू इतना कर ले तो सबकी अकल ठिकाने आ जाएगी.. लेकिन दुर्भाग्य की हिंदू इतना भी कर लेगा इसकी कोई गारंटी नहीं
ममता सरकार का कहना है कि प्रसाद का कोई धर्म नहीं तो क्या मुसलमान भी ये बात मानते हैं ? क्या वो हिंदू मंदिरों का प्रसाद ग्रहण करेंगे? क्या वो हिंदू आस्था का सम्मान करेंगे और सबसे बड़ा प्रश्न क्या वो दिन में 5 बार होने वाली अजान से कहेंगे कि हिंदू देवी देवता भी पूजनीय है...???
ये सेक्युलरिज्म नहीं ये एक एजेंडा है.. ये मुस्लिम तुष्टिकरण है जिसका नुकसान केवल हिंदुओं को हो रहा है क्योंकि हिंदू कुछ नहीं करते... हिंदू एकजुट होकर सही तरीके से विरोध नहीं करते... वो धर्म द्रोहियों और धर्म द्रोही कृत्यों का बहिष्कार नहीं करते... दोषी खुद हिंदू है अपनी स्थितिबक