कहते हैं भारत में कानून का राज है और कानून निष्पक्ष है, लेकिन ये बातें केवल बोलने में अच्छी लगती है वास्तविकता से मेल नहीं खाती। शर्मिष्ठा को आप सभी पहचानते होंगे जिसने पाकिस्तान और पाकिस्तान लड़ते गद्दारों को जमकर लताड़ा... इसी बीच किसी पाकिस्तानी को जवाब देते हुए कुछ गलत बोल गई और गलती का अहसास होने पर माफी भी मांगी लेकिन हमारा वो निष्पक्ष कानून जो शिवलिंग पर कंडोम पहनकर फोटो शेयर करने पर खामोश था वो एक्टिव हो गया और रातों रात शर्मिष्ठा को उठा ले गया...
कैसे मान लें को भारत का कानून निष्पक्ष है ? कैसे मान लें कि ये संविधान के अनुशार नहीं अपितु भीडतंत्र के अनुरूप चल रहा है! आखिर क्यों कार्यवाही नहीं हुई उनपर जिन्होंने सनातन को डेंगू मलेरिया बताया, जिन्होंने सनातन को खत्म करना चाहा, मनुष्मृति को जलाया, भगवान राम , कृष्ण का अपमान किया... क्या केवल नबी का अपमान ही अपमान होता है? करोड़ों हिंदुओं के देवी देवताओं का अपमान कानून कि नजर में मजाक है.? भरोसा उठ गया है देश के , जजेस की निष्पक्षता पर से .... इस कानून के विरुद्ध अब राष्ट्रप्रेमियों को एकजुट होना चाहिए अन्यथा इस दोगले कानून का अत्याचार सहना पड़ेगा