अहमदाबाद के नरोदा इलाके में रहने वाले दीपेश केवलानी जिनके बचपन मे ही पिताजी का दुखद निधन हुआ पढ़ाई बीच में छूटने की नौबत आई लेकिन दीपेश केवलानी हिम्मत नहीं हारे वो संघर्ष करते रहे वॉचमैन की नौकरी किया साथ में पढ़ाई भी किया अपने छोटे भाई की पढ़ाई का भी खर्चा निकाला और संघर्ष ने उनके साथ दिया और दीपेश केवलानी कैट क्रैक करके आज आईआईएम शिलांग में एडमिशन पा गए
दीपेश जब 2 क्लास में थे तभी उनके पिताजी का निधन हो गया था और 8 साल की उम्र से ही दीपेश एक फुटवियर की दुकान में नौकरी करके पढ़ाई करते रहे। खुद M.Com भी किया फिर छोटे भाई का आईआईएम लखनऊ में एडमिशन हुआ और अब दीपेश का खुद आईआईएम में एडमिशन हो गया है ।
अगर आप संघर्ष करेंगे तब ईश्वर आपका साथ जरूर देंगे संघर्षों से कभी हारना नहीं चाहिए। हाल ही में एक खबर पढ़ी की पंचकूला का एक परिवार कर्ज में डूब गया और संघर्षों से इस तरह हार गया कि पूरे परिवार ने आत्महत्या कर लिया काश उस परिवार ने संघर्ष का रास्ता चुना होता