पहलगाम हमले के बाद अचानक से भारतीय मुसलमान द्वारा सरकार के खिलाफ चल रहे आन्दोलनों का बंद होना। सभी मुसलमान का राष्ट्रवाद की धारा में आना, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारतीय मुसलमानों का हृदय परिवर्तन होना, और आंदोलन के मुख्य नेताओं ओवैसी, मदनी, अचानक से पाकिस्तान पर आक्रमण करने के भारत सरकार के फैसले का समर्थन करना।कहीं यह आने वाले खतरे की घंटी की ओर इशारा तो नहीं हो रहा है।
आप इसका अंदाजा लगा सकते हो, पहलगाम आतंकवादी हमला होने के तुरंत बाद इनका सूचना तंत्र इतना जबरदस्त है। उसी दिन से आज तक किसी भी मुसलमान नेता या मौलवी मौलाना का आतंकवाद हमले या पाकिस्तान के समर्थन में एक भी बयान नहीं आया है। वहीं दूसरी ओर विपक्ष के हिंदू नेता सरकार से सवाल कर रहे हैं। लेकिन भारतीय मुसलमान नेताओं और मुसलमानों का अचानक से खामोश होना निश्चित तौर पर आने वाले समय के लिए बहुत बड़ा षड्यंत्र हो सकता है।
वह जानते हैं कि भारतीय हिंदू अभी तक सोया हुआ है, और सेकुलर हिंदुओं को मूर्ख बनाना आसान है। मोदी जी द्वारा पाकिस्तान के वीजा रद्द करने के बाद से अचानक मुसलमान में घबराहट है। लेकिन वह उसे प्रकट नहीं कर रहे हैं।
क्यों?
उनको पता है भारतीय मुसलमान महिलाओं ने 5 से 7 लाख पाकिस्तानियों से शादी करी पिछले 25 से 30 सालों में,
और उन्होंने यहाँ भारत के अंदर ही 75 लाख से एक करोड़ पाकिस्तानी सपोले जिहादी पैदा कर दिए हैं। अगर भारत-पाकिस्तान पर आक्रमण करता है तो गृह युद्ध की स्थिति में यही सपोले जिहादी इस देश के अंदर तबाही मचाएंगे।
पूरे भारत के लगभग सभी राज्यों के लाखों मुसलमानों ने अपनी बेटियों की निकाहबाजी पाकिस्तान में की हुई है...
अब आप ही बताइए कि इन लाखों बेटियों के करोड़ों मुस्लिम रिश्तेदार भारत के प्रति वफादार कैसे हो सकते हैं...
अपने जीजाजी की मौत थोड़े ही होने देंगे ये भारत की सेना के हाथों....
ये सब लोग अपने जमाई को व अपने नाती व बेटी के सुहाग को जीवित रखने के लिए हजार बार हिन्दूओं के देश से गद्दारी करते रहेंगे......
इन लाखों मुस्लिम महिलाओं के भाईजान, अब्बा, चच्चा व अन्य रिश्तेदार भारत में अलग अलग सरकारी नौकरी में भी जरूर होंगे......
वो अपने अपने विभागों की खुफिया जानकारी अपनी बेटी व दोहिते दोहितियों को जरूर भेजते होंगे.....
ताकि पाकिस्तान को भारत के खिलाफ आतंकवाद फैलाने की सभी प्रकार की जानकारी, लोकेशन व गली मोहल्लों में क्या क्या हो रहा है सभी प्रकार की मुखबिरी इनके द्वारा की जाती रही है।
तभी तो भारत में आतंकवाद को फैलाने में पाकिस्तान को कोई खास परेशानी नहीं हो रही है......
यह षड्यंत्र 1947 के बाद से ही लगातार जारी है.....
इनकी यह निकाहबाजी देश के लिए सबसे बड़ा सुरक्षा खतरा बना हुआ है परंतु आजतक यह सार्वजनिक रुप से उजागर नहीं हो पाया.....
यह तो मोदी ने एकाएक पाकिस्तान का वीजा रद्द कर दिया तो मालूम हुआ कि 10-20- 30 वर्ष पहले पाकिस्तान में निकाहबाजी की हुई मुस्लिम महिलाओं ने अभी तक अपनी नागरिकता भारत की ही रखी हुई है....
ये भारत की नागरिकता के मार्फ़त हजारों करोड़ रुपये का सरकारी योजनाओं का लाभ लेती रही हैं...
ये अपने पाकिस्तानी रिश्तेदारों के इलाज के लिए भी भारत के सरकारी अस्पतालों का इस्तेमाल कर रही हैं.....
लगातार भारत से पाकिस्तान आने जाने के दौरान इनके साथ आने जाने वाले पाकिस्तान के नागरिकों द्वारा जमकर भारत से ख़ुफ़िया जानकारी व संवेदनशील इलाकों की रैकी की जाती रही है........
ये निकाहबाजी की इस्लामी रिस्तेदारी हिन्दूओं के देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है.... जिसका खुलासा वीजा रद्द होने के बाद हो पाया है....
भारत में हिंसा व गृहयुद्ध की विकट परिस्थितियों में ये सब लोग पाकिस्तान का ही साथ देंगे....
यह तय है क्योंकि ये न तो अपनी बहनों को विधवा होने देंगे और न ही अपने नाती रिश्तेदारों को अनाथ.....
ये निकाहबाजी जिहाद है......
इसका उचित इलाज करने के लिए एक कानून बनाया जाना चाहिए कि पाकिस्तान में निकाहबाजी किये गए भारतीय मुस्लिम परिवार की सारी सरकारी अस्पतालों की पात्रता समाप्त कर दी जानी चाहिए...और उनसे राष्ट्र के प्रति वफादारी की जवाबदेही तय की जानी चाहिए....
उन सभी के फोन व अन्य मीडिया गेजेट्स सर्विलांस पर लिए जाने चाहिए
उनके द्वारा निर्धारित नियमों के उल्लंघन के बाद उन्हें जेल में डाल देना चाहिए जिन महिलाओं की शादी पाकिस्तान में हुई है उनके राशनकार्ड - पासपोर्ट यहां से रद्द किया जाना चाहिए और उन्हें पाकिस्तान भेज देना चाहिए ।
देश में आंतरिक सुरक्षा में ये सबसे बडा़ खतरा बन गए हैं.....
ये करोड़ों मुसलमान पाकिस्तान का साथ ही देंगे...... ये तय है
सतर्क रहें समर्थ बनें💪🚩🚩
भारत माता की जय 🚩🙏
साभार
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