शांतिप्रिय मजहब के शांतिप्रिय लोग... इनके साथ निभाते हैं कुछ सेकुलर भाईचारा। रिटायर्ड कर्नल पर जेहादियों ने इसलिए हमला कर दिया क्योंकि उन्होंने वक्फ अमेंडमेंट बिल का फोन पर अपने दोस्त से बात करते हुए समर्थन किया। कर्नल साहब भूल गए थे को वो एक मुसलमान की कब में बैठे हैं या फिर उनके हिसाब से सारे अब्दुल एक जैसे नहीं होते होंगे इसलिए मोहम्मद वासिफ की कैब में बैठ वक्फ अमेंडमेंट बिल की तारीफ कर दी जो वासिफ को नागंवर गुजरी और जेहादी ने अपने अन्य मुस्लिम साथियों संग कर्नल साहब की पिटाई कर दी
अब कर्नल साहब तो समझ गए होंगे कि कैब बुक करते समय क्या ध्यान रखें, जेहादी मानसिकता से सावधान रहें और क्यों? वैसे तो ऐसे जेहादियों पर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए लेकिन हम अपने कानून से परिचित है कि वो कितनी कठोर कार्यवाही कर ही पायेगा।लेकिन हिंदुओं इतना तो समझ ही सकते हो कि इस विचारधारा का हर प्रकार से बहिष्कार अनिवार्य है।
दीपक शर्मा के ट्विटर हैंडल से 👇
रिटायर्ड कर्नल को मोहम्मद वासिफ ने पीटा🚨
कानपुर में रिटायर्ड कर्नल ने कैब ड्राइवर वासिफ के सामने कर दी वक्फ बिल की तारीफ, फिर वारिस ने कर्नल सूर्य प्रकाश सिंह जी के साथ मारपीट की और अपने इस आतंकी काम में अपने अन्य मुसल मान दोस्तो को भी साथ देने के लिए बुलाया ।
कानपुर में रिटायर्ड कर्नल सूर्य प्रकाश सिंह के साथ मारपीट की गई है. कैब ड्राइवर वासिफ और उसके साथियों के ऊपर मारपीट का आरोप है. वक्फ बिल को लेकर ये पूरा विवाद हुआ था.
रिटायर्ड कर्नल सूर्य प्रकाश सिंह के मुताबिक उन्होंने 4 अप्रैल की रात करीब 10 बजे कानपुर कैंट से लखनऊ के लिए ओला कैब बुक की थी। ड्राइवर का नाम वसीम बताया गया है, जो कानपुर के बाबूपुरवा थाना क्षेत्र का निवासी है। रास्ते में वक्फ बोर्ड से जुड़े मुद्दे पर कर्नल किसी से मोबाइल पर बात कर रहे थे। इतने में वसीम उनसे बहस करने लगा। जब कर्नल ने इसका विरोध किया तो ड्राइवर ने अपने मोबाइल से एक व्हाट्सएप ग्रुप में लाइव लोकेशन साझा की और कुछ संदिग्ध मैसेज भी भेजे।
थोड़ी दूर आगे बढ़ने के बाद गाड़ी को रास्ते में रोक दिया गया। तभी वहां 5-6 युवक पहुंचे और कर्नल पर नुकीले पत्थरों व डंडों से हमला कर दिया। सिर पर कई वार किए गए, जिससे कर्नल बेहोश होकर गिर पड़े। जब उन्हें होश आया तो खुद को हमलावरों के बीच पाया। कर्नल ने
ने बताया कि हमलावरों में एक आरिफ नाम का व्यक्ति प्रमुख था और अधिकतर हमलावर मुस्लिम समुदाय से थे। कर्नल का आरोप है कि हमलावर उनकी पैंट की पिछली जेब से जरूरी कागजात और 3 हजार रुपए भी लूट ले गए।
कर्नल ने पुलिस पर भी लगाया आरोप लगाया है और उनका कहना है कि घटना की सूचना मिलते ही PVR 112 की पुलिस मौके पर पहुंची। लेकिन कर्नल का आरोप है कि चौकी इंचार्ज के पहुंचने से पहले तक पुलिस का रुख हमलावरों के पक्ष में झुका हुआ था। आपको बता दें कि रिटायर्ड कर्नल सूर्य प्रकाश सिंह इस समय कानपुर नगर में जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी के पद पर तैनात हैं। लखनऊ के वृंदावन सेक्टर-6 में उनका आवास है। उन्होंने अचलगंज, उन्नाव थाने में पूरे मामले की शिकायत दी है और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
यहां ध्यान देने की आवश्यकता है कि ये वारिस ओला कंपनी का ड्राइवर था जिसने इस आतंकी कृत्य को अंजाम दिया है और अब ये साफ हो चुका है कि ओला ऊबर जैसी कंपनियां अपने यहां नियुक्ति में आपराधिक चरित्र वाले मुसलमानों को प्राथमिकता देते हुए हिंदुओं के लिए जोखिम को बढ़ाने का काम कर रही हैं।