घटना के समय वहां कोई सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं था, ये बात मेरे भी गले नहीं उतर रही थी..!बैसरन घाटी में आना-जाना बैन होता है वहां किसी को जाने की अनुमति नहीं होती, ये घाटी हर साल जून में अमरनाथ यात्रा के दौरन खोली जाती है जहां अमरनाथ यात्री आराम करते हैं, तब सेना... सुरक्षाकर्मी सब मौजूद रहते हैं..!
लेकिन वहां के स्थानीय टूर ऑपरेटर, होटल मालिक और घोड़ेवाले एक साजिश के तहत चुप चाप बिना प्रशासन, पूलिस, सेना को खबर किये यात्रियों को ले जाने लगे। 20 अप्रैल से शुरू हुआ लेकिन उन्होंने सेना, पुलिस को तब जानकरी दी जब ये हत्याकांड 22 को हो चूका था और इस तरह उन्होंने आतंकियों को खुला मैदान दे दिया कि जाओ मारो और काटो..!