बेचारी जनता जाति, क्षेत्र, भाषा के अलगाववाद में ऐसा उलझाई कि वो मुफ्तखोरी की राजनीति के आगे समझ नहीं पा रही कि 100 करोड़ बहुसंख्यकों के पास मात्र 288 वोट हैं? जबकि मात्र 40 करोड़ वोट बैंक वाली पाकिस्तान, बांग्लादेश, आतंकवाद समर्थक परिवारवादी पार्टियों के पास भारत को बर्बाद करने के लिए 232 वोट हैं!
जिस तेजी से भारतविरोधी गरीब जनता को बरगला धर्मांतरण कर रहे, जातिवादी जहर फैला, भारतविरोधी संख्या बल बढ़ा रहे, ये राष्ट्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है!इसके बावजूद भी अब भी कितने ही मूर्ख कन्वर्ट पर्वर्ट हिंदू अब भी अवैध लैंड जेहाद समर्थक 232 सांसद की दर्जन भर परिवारवादी पार्टी को वोट करते हैं, ये जानते हुए भी कि ये परिवारवादी नेता, घरेलू घटिया पार्टियां अब हिंदूविरोधी नहीं भारतविरोधी हो चुकी हैं!800 साल की गुलामी का यही कारण था, लालची हिंदू ही हिंदू का दुश्मन रहा, बाहर से तो मुठ्ठी भर लुटेरे ही आए, बाकी तो अपने ही थे गद्दार, कन्वर्ट, राष्ट्र, धर्म, कुल के घाती!