संपूर्ण विश्व में मुख्यतः 3 धर्म सम्प्रदाय है ।
प्रथम क्रिश्चन सम्प्रदाय के पास 58 रीति रिवाज , तथा 4 त्यौहार है
दूसरे स्थान के इस्लाम संप्रदाय के पास 152 रीति रिवाज है और 5 त्यौहार है ।
तीसरे स्थान पर हिन्दू सनातन धर्म आता है ,
जिनके पास 18,654 रीति रिवाज है और 159 त्यौहार है ।
और इन सब रीतिरिवाजों व त्यौहारो वैज्ञानिक महत्व है ।( ये at remdom नही है ) यह हमारे महान ज्ञानी वैज्ञानिको ऋषियों के शोधकार्य का दस्तावेज है ।
होली के सातवें दिन , (या अमावस तक) एक त्यौहार मनाया जाता है जिसे शीतला सप्तमी/अष्टमी कहते हैं ।
🧆 इस दिन ठंडा भोजन खाया जाता है । और इस दिन कोई भी गर्म वस्तु चाय आदि तक वर्जित रहता है । चूल्हा तक नही जलता है ।
महिलाएं पहले रात में भोजन बना कर रख लेती है और अगले पूरे दिन इसी भोजन को खाया जाता है ।
वैज्ञानिक महत्व :
1968 में अमेरिकन रिपोर्टर में एक रिसर्च पेपर का छपा था कि :
जर्मनी में एक शोध संस्थान में शीतला सप्तमी/अष्टमी के भोजन का एब्सट्रैक्ट निकाला गया तो स्माल पाक्स का वैक्सीन तैयार हो गया था ।
तमाम वैज्ञानिक आश्चर्यचकित थे भारतीय भोजन की उत्कृष्ट उपयोगिता के लिए ।
बाद में 2002 में जब शीतला सप्तमी के भोजन के एक एक व्यंजन पर काम किया तो चार चीजें पकड़ में आई ।
चावल
गुड़
दही
और रात भर भीगी हुई चने की दाल
शीतला सप्तमी के भोजन में मुख्यतः ये 4 चीजे शामिल रहती है, ( स्वाद अनुसार
पूरी, सब्जी
दाल, चावल , दही , श्रीखंड
गुलगुले, भजिए भी रहते है)
👍सूक्ष्म विश्लेषण : यदि गर्मी शुरू होने से पहले , यानी होली के बाद :
गुड़ में पका चावल , दही व चने की भीगी दाल , इन तीनों को मिला कर खा लिया जाए , और 24 घंटे तक आपके पेट में कोई भी गर्म पेय अथवा खाद्यपदार्थ न जाने पाए तो , *ऐसे विशिष्ट बैक्टीरिया का उत्पादन हो जाता है जो एंटीबाडीज का काम करते हैं और पूरे साल भर आप सभी तरह के हानिकारक वायरस से सुरक्षित हो जाते है ।
साथ ही तथा किसी भी प्रकार का चर्मरोग, लीवर किडनी इन्फेक्शन भी नहीं होता।
इसलिए भारतीय परम्परा में इस एक दिन ठंडा भोजन किया जाता है ।
😊 कोई तार्किक/विधर्मी इसे नही भी माने तो भी , एक दिन खाने से कोई अनर्थ नहीं हो जाएगा , दीर्घ काल मे शारीरिक लाभ ही होगा ।
skb 🌺🙏
*जिन घरों में सप्तमी पर व्यवस्था नही हो पाई हो , वे कल या अमावस तक कभी भी एक दिन बांसोडा कर सकते है ।*
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