महाराष्ट्र सरकार ने शहीद तुकाराम ओंबले के सम्मान में एक भव्य स्मारक बनाने का निर्णय लिया है। यह स्मारक सतारा जिले के केदांबे गांव में बनेगा, जहाँ तुकाराम ओंबले का जन्म हुआ था। इस स्मारक के निर्माण के लिए 13.46 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है, जिसमें से पहली किस्त 2.70 करोड़ रुपये प्रशासन को जारी कर दी गई है।
तुकाराम ओंबले ने 26/11 मुंबई हमलों के दौरान अदम्य साहस दिखाते हुए आतंकवादी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना, केवल एक लाठी के सहारे कसाब को दबोच लिया, जबकि कसाब उनके ऊपर गोलियां चला रहा था। इस बहादुरी के लिए उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था। तुकाराम जी के बलिदान ने भगवा को आतंकवाद से जोड़ने के प्रयास को भी विफल किया वर्ना कुछ गिद्ध तैयार बैठे थे कसाब को हिंदू के रूप में दिखाकर भगवा आतंकवाद की कहानी रचने को। हर एक सनातनी ऋणी है तुकाराम जी का
26 नवंबर 2008 को हुए इस आतंकवादी हमले में कुल 166 लोग मारे गए थे, और तुकाराम ओंबले की वीरता ने भारत को एकमात्र जीवित आतंकवादी को पकड़ने का अवसर प्रदान किया। उनकी शहादत ने न केवल मुंबई पुलिस बल को प्रेरित किया, बल्कि पूरे देश में सुरक्षा बलों के प्रति सम्मान और श्रद्धा को भी बढ़ाया।
तुकाराम ओंबले का जीवन और उनका बलिदान आज भी लोगों के दिलों में जीवित है। उनके योगदान ने उनके पैतृक गांव के